अप्रैल 2025, अंक 58
हाइबन – कलरव – डॉ. पूर्वा शर्मा
व्याकरण विमर्श – ‘ठहरना’ क्रिया – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
पुस्तक चर्चा – धूप और चाँदनी(ग़ज़ल संग्रह - राम नारायण ‘हलधर’) – रवि वैद
कविता – 1. अम्मा(गीतिका छंद) 2. सत्य बात (रोला छंद) 3. पत्र – डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी 'काव्यांश'
पुस्तक-समीक्षा – रामायण में जनप्रिय शासन (डॉ. सुरभि दत्त) – डॉ. सुषमा देवी
आलेख – एक भारतीय आत्मा – पंडित माखन लाल चतुर्वेदी – सुरेश चौधरी
तेवरी – तो बहुत ग़लत हो सकता है...... – डॉ. घनश्याम बादल
लघुकथा – गलत मन्नत – विवेक मेहता
हाइकु – अभिलाषा – प्रीति अग्रवाल
पुस्तक समीक्षा – ‘अधूरा ही रहा मोहन’ (ग़ज़ल संग्रह-सुरेंद्र कुमार सैनी) – डॉ. घनश्याम बादल
संस्मरण – जब अटल जी ने नहीं दिया आशीर्वाद – माता प्रसाद शुक्ल
पठनीय और संग्रहणीय अंक।
जवाब देंहटाएंविविध, ज्ञानवर्धक एवं महत्वपूर्ण विषयों और आकर्षक आवरण से सुसज्जित शब्द-सृष्टि अप्रेल २०२५ के लिए हार्दिक बधाई। सम्पादक मंडल का परिश्रम दिखाई देता है।सुदर्शन रत्नाकर
जवाब देंहटाएं58, अंक अप्रैल 2025 समसामयिक घटनाचक्र विशेषतः पहलगांव आंतकवादी हमले पर सारगर्भित लेखनी चलाई गई
जवाब देंहटाएंमुकेश चौधरी शोधार्थी हिंदी
एक और महत्वपूर्ण अंक के लिए प्रो.हसमुख परमार सर और संपादक डाॅ.पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाई। 🙏💐
जवाब देंहटाएंयूनेस्को के MOW रजिस्टर में नामांकित भारतीय दस्तावेजी धरोहर की जानकारी, पहलगाम की दर्दनाक त्रासदी, सुंदर हाइबन, व्याकरण विमर्श तथा अन्य सभी रचनाएँ और आलेख......
सराहनीय लेखन 🙏Hiya
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई!💐
जवाब देंहटाएं"शब्द सृष्टि ब्लॉग" के नए अंक के प्रकाशन पर आप सभी प्रतिभाशाली रचनाकारों को हृदय से बधाई और शुभकामनाएं। आपकी सृजनशीलता, संवेदना और शब्दों की शक्ति ने इस अंक को विशेष बना दिया है। आशा है कि आपकी रचनाएं पाठकों को प्रेरित करेंगी और साहित्यिक जगत में नई ऊर्जा का संचार करेंगी।
आप सभी की लेखनी ऐसे ही सार्थक और सशक्त रचनाएं रचती रहे — इसी शुभकामना के साथ।🙏💐✍️ डॉ. धर्मेन्द्रकुमार एच. राठवा
हर बार की भांति इस बार भी शब्द-सृष्टि का यह अंक उत्कृष्ट, उपयोगी और महत्त्वपूर्ण है । विश्व धरोहर के रूप में भगवतगीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की सूची में दर्ज होने को गुरूवर प्रो. हसमुख सर ने बहुत ही सहजता उकेरते हुए इसके महत्त्व पर को उद्भाषित किया है । कलरव शीर्षक से डॉ. पूर्वा शर्मा जी और ठहरना क्रिया शीर्षक से डॉ. योगेंद्र नाथ मिश्र जी के महत्त्वपूर्ण आलेखों के साथ पुस्तक समीक्षा और अन्य रचनाकारों के बेहतरीन आलेख इस अंक में समुद्रित हैं । हर बार की भांति इस बार भी समसामयिक मुद्दे पहलगाम पर डॉ. ऋषभदेव शर्मा की सार्थक टिप्पणी है । इस अंक में सम्मिलित सभी रचनाकारों को शुभेच्छा के साथ शब्द-सृष्टि के मार्गदर्शक गुरुवर प्रो. हसमुख परमार सर और संपादिका महोदया डॉ. पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंकुलदीप आशकिरण
सभी रचनाकारों को शुभकामनाएँ एवं संपादक को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंएक अच्छा अंक।