शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023

फरवरी – 2023, अंक – 31

 


शब्द-सृष्टि 

फरवरी – 2023, अंक – 31


विचार स्तवक

व्याकरण विमर्श – 1. विराम चिह्न 2. सर्वनामों के साथ परसर्गों का प्रयोग – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

आलेख – लोकगीतों में रसाभिव्यक्ति – डॉ. हसमुख परमार

निबंध – ढाई आखर – डॉ. पूर्वा शर्मा

कविता – मैंने देखा है – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

व्यंग्य – हैप्पी वैलेंटाइन-डे – डॉ. गोपाल बाबू शर्मा

दोहे – प्रेम – त्रिलोक सिंह ठकुरेला

ग़ज़ल – हिमकर श्याम

काव्यास्वादन – ट्राम में एक याद : चेतना पारीक के बहाने – विकास कुमार मिश्रा

विशेष – प्रेम-सप्ताह – कुलदीप कुमार ‘आशकिरण’

क्षणिकाएँ – प्रीति अग्रवाल

दोहे – अनिता मंडा

स्मृति शेष – वाणी जयराम – संध्या दुबे

कविता – अनचाहा गुलाब – आनन्द तिवारी

कविता – वो सूरज है – रामानुज द्विवेदी

सामयिक टिप्पणी – कहीं खो न जाएँ हमारी छह ऋतुएँ! – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

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