शब्द-सृष्टि
नवम्बर 2024, अंक 53
शब्द सृष्टि का 53वाँ अंक
1 अंक के बहाने... – प्रो. हसमुख परमार
2 अंक के बारे में.... – डॉ. पूर्वा शर्मा
व्याकरण विमर्श – 1. योजक वाक्य 2. अनुस्वार तथा अनुनासिक का उच्चारण-स्थान – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
दिन कुछ खास है! – 1. निर्विवाद सर्वोच्च नेता 2. झारखंड दिवस – सुरेश चौधरी
कविता – जीवन में ठहराव – मीनू बाला
आलेख – तनाव प्रबंधन और तुलसी साहित्य – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी
कविता – हेमंत ऋतु – सुरेश चौधरी
आलेख – भारतीय साहित्य और भारतीयता – प्रो. शिवप्रसाद शुक्ल
उद्देश्य तथा रचना की दृष्टि से शब्द सृष्टि का एक और सफल अंक प्रकाशित करने हेतु हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंशब्द सृष्टि के हर अंक को देखने और पढ़ने का एक अलग ही आनंद और अनुभव।
जवाब देंहटाएंप्रो.हसमुख परमार सर और डाॅ.पूर्वा शर्मा जी का आभार 🙏🙏💐💐
हर बार की तरह शब्द-सृष्टि का यह अंक भी उत्कृष्ट और महत्वपूर्ण है। सभी आलेख तो नही पढ़ सका लेकिन अंक के बहाने और अंक के बारे में, को पढ़ते हुए, डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र और आचार्य शिवप्रसाद शुक्ल के आलेखों की तरफ भी सरसरी निगाह गयी। जहाँ अंक के बहाने प्रो. हसमुख परमार जी लेखकीय प्रतिभा का एक कैनवास खींचते हैं वहीं डॉ. पूर्वा शर्मा शब्द सृष्टि की अब तक की सुखद यात्रा को शब्दों में सहजता से पिरोती हैं। डॉ. मिश्र जी का आलेख हर बार की भांति हम विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद और उपयोगी है। आचार्य शिवप्रसाद शुक्ल अपने आलेख में भारतीय साहित्य और भारतीयता को प्रचीन संस्कृत परम्परा से जोड़ते हुए हिन्दी अंग्रेजी उदाहरणों के साथ कम शब्दों में बेहतरीन ढंग से समझाने का प्रयत्न किया है। इस उत्कृष्ट अंक में शामिल सभी रचनाकारों और पत्रिका के मार्गदर्शक गुरूवर प्रो. हसमुख परमार सर और संपादिका महोदया डॉ. पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंBeautiful और ज्ञानवर्धक अंक। स्नेहपूर्ण बधाई। 🌹🌷🌺
जवाब देंहटाएंSONA
,सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंTest
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