जुलाई 2024, अंक 49
विशेषांक
प्रेमचंद : कुछ मायने ..... कुछ आयाम.....
कुछ विचार – प्रेमचंद की नज़र में साहित्य और साहित्यकार
आलेख – प्रेमचंद की वर्तमानता : ‘रंगभूमि’ और ‘गोदान’ – डॉ. ऋषभदेव शर्मा
मत-अभिमत – अध्येताओं की नज़र में प्रेमचंद और उनका साहित्य
आलेख – देशभक्ति का सवाल और प्रेमचंद के विचार – डॉ. मोती लाल
पत्र – प्रेमचंद के पत्र विष्णु प्रभाकर के नाम
पत्र – हजारीप्रसाद द्विवेदी का पत्र प्रेमचंद के नाम
कृति से गुज़रते हुए..... – ‘रंगभूमि’ (प्रेमचंद) – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी
इन्टरव्यू – पं. बनारसीदास चतुर्वेदी का पत्र-इन्टरव्यू
पुस्तक-भूमिका – सोज़े-वतन की भूमिका – प्रेमचंद
आलेख – हिंदी साहित्य और प्रेमचंद – डॉ.सुषमा देवी
आलेख – सामाजिक सरोकार, प्रेमचंद और उनकी कहानियाँ – डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय
कविता – मुंशी प्रेमचंद – डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
आलेख – प्रेमचंद के उपन्यासों में जनजीवन का चिंतन – सुरेश चौधरी
आलेख – हिंदी के चंद रचनाकारों में एक प्रेमचंद – डॉ. धीरजभाई वणकर
आलेख – प्रेमचंद का भाषा विमर्श – गुर्रमकोंडा नीरजा
हिन्दी कथा साहित्य को प्रेमचंद की बहुत बड़ी और मूल्यवान देन रही है, इसलिए उनको याद करना और उनकी रचनााओं से जुड़े रहना हिन्दी पाठकों और लेखकों- समीक्षकों का एक दायित्व...एक फर्ज ही कहा जाएगा। 'शब्द सृष्टि' के इस विशेषांक ने प्रेमचंद के जीवन और लेखन के अनेकों पक्षों को प्रस्तुत किया है। डॉ.पूर्वा शर्मा जी का बेहतरीन संपादकीय तथा प्रो.हसमुख सर के विचारों से अंक का महत्व स्पष्ट होता है और अन्य सभी लेखकों की दृष्टि से अंक की शोभा और स्तर में अभिवृद्धि।
जवाब देंहटाएंसंपादिका डाॅ. पूर्वा जी, प्रो.हसमुख सर तथा सभी लेखकों को हार्दिक बधाई। 💐💐💐💐
Vijaykumar
प्रेमचंद जन्म जयंती पर प्रेमचंद और उनके साहित्य को लेकर शब्द-सृष्टि के इस बेहतरीन अंक को सम्पादित करने के लिए सबसे पहले इस पत्रिका के मार्गदर्शक गुरुवर प्रो. हसमुख परमार सर और संपादिका डॉ. पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाई.... प्रेमचंद हिन्दी कथासाहित्य के कालजयी रचनाकार हैं और अब तक प्रेमचंद पर लिखा भी बहुत गया, स्वयं शब्द सृष्टि के ही इससे पहले तीन लगातार अंक इनकी जन्म जयंती पर प्रकाशित हो चुके हैं,.... इतनी चुनौतियों के बीच प्रेमचंद पर किसी भी पत्रिका के लिए कुछ नया दे पाना चुनौतीपूर्ण रहता है....और इस चुनौती को स्वीकारते हुए मार्गदर्शक गुरुवर और संपादिका महोदया ने प्रेमचंद के स्वयं के पत्र, साहित्यकारों द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र, इंटरव्यू, उनकी ऐसी कहानी जिससे बहुत लोग अनभिज्ञ हैं और प्रेमचंद पर रचनाकारों के लिखे गए आलेख और कविताओं को शामिल कर इस अंक को पाठको के समक्ष बहुत ही नवीन और जानकारी से परिपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह अंक विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए भी उपयोगी और महत्वपूर्ण है। एक बार फिर से मैं गुरूवर प्रो. हसमुख परमार सर और संपादिका डॉ. पूर्वा शर्मा जी को इस अंक के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि यह अंक पुस्तक के रूप में भी आकर साहित्य के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए बहुत कारगर साबित होगा।
जवाब देंहटाएंआपका
कुलदीप आशकिरण
शब्द सृष्टि के जुलाई अंक में हिन्दी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्म जयंती के मध्य नजर प्रेमचंद पर केंद्रित इस अंक से हमें प्रेमचंद के समाज में व्याप्त कुप्रथाओ, समकालीन दौर में स्वतंत्रता के लिए प्रेरित कहानियां एवं प्रेमचंद जी के रचना संसार पर प्रकाश डाला गया है इसके लिए संपादक प्रोफेसर हसमुख परमार सर एवं डॉ पूर्वा जी बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंमुकेश चौधरी, शोधार्थी (हिंदी)
शब्द-सृष्टि' के इस विशेषांक में हिन्दी कथासाहित्य के सम्राट मुंशी प्रेमचंद का साहित्यिक लेखन व अनकहे तथ्यों पर जो विषय- सामग्री रखी है, वह सामान्य पाठक एवं अध्येता के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी । परामर्शक एवं गुरुवर प्रो.हसमुख परमार सर एवं संपादिका पूर्वा मैम को हार्दिक बधाई.....
जवाब देंहटाएंविमलकुमार चौधरी
उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द पर आधारित जुलाई २०२४ का शब्द सृष्टि अंक एक उत्कृष्ट अंक हैं। प्रेमचन्द जी सम्बंधित सभी रचनाएँ,आलेख, पत्र, साक्षात्कार बेहतरीन है। शोधार्थियों के लिए यह सामग्री विशेष उपयोगी सिद्ध होगी। प्रो,हसमुख परमार एवं डॉ पूर्वा शर्मा जी को हार्दिक बधाई एवं ज्ञानवर्धक ।सुदर्शन रत्नाकर जी
जवाब देंहटाएंशब्द सृष्टि का प्रेमचंद विशेषांक बहुत ही लाभप्रद और उपयोगी है। इसके लिए मैं अपने गुरु हसमुख परमार सर और संपादिका डा. पूर्वा शर्मा मैम को हार्दिक बधाई देती हूं।
जवाब देंहटाएंजागृति भरवाड़