शब्द
सृष्टि, अगस्त - 2021, अंक – 13
शब्द संज्ञान – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
कविता – त्योहारों की लड़ियाँ – डॉ. पूर्वा शर्मा
परिचय – पद्मा सचदेव – राजा दुबे
कहानी – रक्षाबंधन – विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’
कविता – आँसू – डॉ. सुरंगमा यादव
निबंध – आज़ादी का जश्न – ज्योत्स्ना प्रदीप
कहानी – सपने क्या सच होते हैं – सत्या शर्मा ‘कीर्ति’
औपन्यासिक जीवनी – काल के कपाल पर हस्ताक्षर : हरिशंकर परसाई – राजेन्द्र चंद्रकांत राय
आलेख – आदिवासी समाज के संकट, संघर्ष एवं संस्कृति की महागाथा : ग्लोबल गाँव के देवता – डॉ. हसमुख परमार
बहुत अच्छा और संग्रहणीय अंक । सभी लेखकों और प्रकाशक जी को बधाई और साधुवाद ।
जवाब देंहटाएंअच्छा अंक, सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंआज़ादी की कविताएँ और मुक़री ने ज्यादा प्रभावित किया।
शब्द सृष्टि की नियमितता और स्तरीय सामग्री की प्रस्तुति के लिए डाॅ पूर्वा शर्मा और डाॅ हसमुख परमार उभय साहित्यिक प्रतिभाओं को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंसावन की सुंदरता, अगस्त की महिमा को रेखांकित करता प्रस्तुत अंक...अति सुन्दर।
सावन... अगस्त की विशेष तिथियों की महिमा का गुणगान... अद्भुत।
जवाब देंहटाएंब्लॉग के संपादक व परामर्शक को बधाइयां💐 Hiya
बहुत अच्छा अंक। सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर👍
जवाब देंहटाएंपंकज
सुन्दर, सारगर्भित सामग्री से सजा अनुपम अंक।
जवाब देंहटाएं'शब्द सृष्टि' परिवार को हार्दिक बधाई।