गुरुवार, 31 अगस्त 2023

अगस्त – 2023, अंक – 38

 



शब्द-सृष्टि

अगस्त – 2023, अंक – 38


कुछ बातें : शब्दसृष्टि के बहाने, शब्दसृष्टि के बारे में – प्रो. हसमुख परमार

व्याकरण विवेक – कर्ता के विविध रूप – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

पर्व विशेष 

आलेख – मुफ़्त की आज़ादी?! – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

कविता – भाई तेरा घर-आँगन – सत्या शर्मा ‘कीर्ति’

आलेख – रक्षाबंधन : अटूट नेह बंधन! – डॉ. पूर्वा शर्मा

कविता – वर्षा : नायिका रूपों में – मंजु महिमा

उपलब्धि विशेष

आलेख – अब हम चाँद पर ! – प्रो. पुनीत बिसारिया








7 टिप्‍पणियां:

  1. एक और सुंदर अंक, पूर्वा जी और उनकी समस्त टीम को अनेकों बधाई एवं शुभकामनाएँ!
    एक सम्पूर्ण पत्रिका!

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  2. अति सुन्दर, एवं शुभकामनाएं

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  3. नमस्कार गुरुजी बहुत ही अच्छा लेख प्रकाशित करने के लिए बहुत-बहुत बधाई हो मुझे बहुत ही अच्छी जानकारी हासिल हुई मुझे इस बात की खुशी है

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  4. शब्द सृष्टि ई वेव पत्रिका का यह अंक (अगस्त 2023) उत्कृष्ट और समसामायिकता में पिरोया हुआ अपनी अक्षुण्ण पहचान के साथ बरकरार है। इस अंक को लगभग मैंने सारा पढ़ लिया है, अंक का पहले लेख में जहाँ गुरुवर प्रोफेसर हसमुख परमार सर शब्द सृष्टि के बहाने हमारी भारतीय संस्कृति, तीज-त्योहार से लेकर स्वतंत्रता दिवस तक अपनी कलम चलाते हैं, वहीं डॉ योगेंद्र नाथ मिश्र जी व्याकरण में कर्ता के विविध रूप से हमें परिचित करातें हैं । इसके आलेखों में डॉ. पूर्वा जी का रक्षाबंधन : अटूट नेह का बंधन में भाई बहन के प्रेम और अटूट बंधन पर को रेखांकित करतीं है, तो वहीं प्रोफेसर पुनीत बिसरिया सर अब हम चाँद पर आलेख में इसरो की कामयाबी और भारतीय गौरव महसूस कराते हैं। इस अंक में डॉ. ऋषभदेव शर्मा के दो आलेख हैं और दोनो ही आलेख वर्तमान को दृश्यांकित करते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, हिमालय के दर्द में आपने वास्तविकता का जो खाका खींचा है वो अविस्मरणीय है।साथ ही बड़ी बहन सुशीला भूरिया का आलेख आदिवासी अस्मिता से हमें रूबरू कराता है। डॉ. सुपर्णा मुखर्जी का आलेख गुरु-शिष्य परंपरा की झाँकी है डॉ. मुनींद्र शर्मा त्रिपुरा की जनजाति की भाषा को आठवीं अनसूची में शामिल होने के द्वंद्व को बताते हैं। इस अंक में प्रकाशित कहानी और कविताएं भी रोचक और महत्त्वपूर्ण है। यह अंक समसामयिक मुद्दों के साथ हमारे बीच उपलब्ध है। इसके लिए पत्रिका के परामर्शक गुरुवर प्रो. हसमुख परमार सर और संपादक डॉ. पूर्वा शर्मा के साथ सभी प्रकाशित रचनाकारों का बेहद आभार और शुभकामनाएं।

    आपका साथी
    कुलदीप कुमार 'आशकिरण'

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  5. Launguge, literature & society related very very good work
    Congratulations prof. Parmar sir & dr. Purva ji. 🌷🙏

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  6. अत्यंत सुंदर और पठनीय अंक,बधाई पूरी टीम को - रवि शर्मा इंदौर

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  7. इस पत्रिका की सबसे खास बात मुझे यह लगी की समय के साथ तालमेल बनाकर ही विषय का चुनाव किया जाता है । परामर्शक प्रो.परमार सर का लेख "कुछ बाते: शब्द सृष्टि के बहाने" को पड़कर ही पाठक सभी लेखों के सारतत्व का आस्वादन कर सकता है।इस बार के सभी लेखों के माध्यम से पाठक में देश भक्ति एवं देश के प्रति प्रेम की भावना जागृत हुई है।

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