शब्द सृष्टि
अप्रैल 2022, अंक 21
व्याकरण विमर्श
प्रेरणार्थक क्रियाएँ – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
कवि परिचय
गुजरात के मध्यकालीन कृष्णभक्त कवि नरसिंह मेहता – डॉ. हसमुख परमार
पुस्तक चर्चा
काव्यगंधा (कुण्डलिया संग्रह - त्रिलोक सिंह ‘ठकुरेला’) – डॉ. प्रवीण राघव
विशेष
1 ) गीत (पुनीत राजकुमार की याद में....) – अनिल वडगेरि
2 ) स्मृति शेष बप्पी लाहिड़ी – राजा दुबे
कविता
1 ) युद्ध और रिश्ते – रमेश सोनी
2 ) दर्पण – डॉ. कुँवर दिनेश सिंह
3 ) वही पगली – कुलदीप कुमार ‘आशकिरण’
हाइकु
अद्भुत कृति – डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
कहानी
जब मैं ज़िंदा थी – डॉ. कुँवर दिनेश सिंह
व्यंग्य
झूठ बराबर तप नहीं – डॉ. गोपाल बाबू शर्मा
काव्यास्वादन
गुज़र जाते हैं मन पसंद मौसम(डॉ. सुधा गुप्ता) – डॉ. पूर्वा शर्मा
आलेख
एकांकी साहित्य का विकास और हिंदी के प्रमुख एकांकीकार – योगेन्द्रनाथ मिश्र
पत्रकारिता का दायित्व – डॉ. भावना ठक्कर
अहिंसा दर्शन की परंपरा और गाँधी – कुलदीप कुमार ‘आशकिरण’
कहानी पर बात
नमस्ते । शब्द श्रष्टि का यह अंक बहुत सुंदर और पठनीय है । पूरी टीम का आभार और बधाई आप सबको इस अंक के लिए ।
जवाब देंहटाएंडॉ. हँसमुख परमार सर और डॉ. पूर्वा शर्मा के सौजन्य से संपादित शब्द सृष्टि का यह अंक उपयोगी, महत्वपूर्ण और नई जानकारियों से भरपूर है, शब्द सृष्टि हर माह हमें नए रचनाकारों से रूबरू कराता है और साहित्यिक सेवा में रत नए रचनाकारों को एक मंच प्रदान करता है। इस अंक में मेरी एक कविता और एक आलेख को भी स्थान मिला है। इसके लिए शब्द सृष्टि की पूरी टीम को बेहद आभार और इस अंक के लिए बधाइयां।
जवाब देंहटाएंकुलदीप कुमार 'आशकिरण'
9151275399
शब्द सृष्टि के अप्रैल के पठनीय अंक के लिये प्रिय पूर्वा एंड टीम व सभी सम्मलित साहित्यिकारों को बधाई । पत्रिका पूरी तरह साहित्यिक है । स्वागत है । शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंरोचक सामग्री और महत्त्वपूर्ण जानकारी लिए "शब्दसृष्टि" के इस सुन्दर अंक के लिए हार्दिक बधाई और साधुवाद!
जवाब देंहटाएं- डॉ. कुँवर दिनेश सिंह, शिमला
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जवाब देंहटाएंहर बार शब्द सृष्टि का नवीन अंक नई छटा के साथ आता है। अप्रैल अंक भी महत्वपूर्ण ,पठनीय एवं रोचक रचनाओं सुसज्जित है। डॉ पूर्वा शर्मा जी,डॉ हँसमुख परमार जी एवं सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंएक और अच्छा अंक आपके द्वारा संपादित हुआ-बधाई। टीम के सभी सदस्यों को शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंमेरी कविता को स्थान देने के लिए-आभार।
सभी रचमाएँ अपनी उपस्थिति को सिद्ध कर रही हैं और उम्दा हैं ।
पुनः बधाई।
सुन्दर, सुगठित, प्रभावी अंक । गद्य एवं पद्य दोनों में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ता अंक सम्पादन मंडल के परिश्रम, विद्वता और कार्यकुशलता को द्योतित करता है।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई 💐
एक और सुंदर अंक, आवरण भी बहुत आकर्षक! पूर्वा जी और समस्त टीम को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सार्थक कलेवर वाला अंक। संपादक द्वै को बहुत बहुत साधुवाद। डॉ. ज्योत्सना शर्मा के हाइकु बहुत स्तरीय हैं, उन्हें हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आदरणीया 🙏
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