शब्द-सृष्टि
अगस्त 2025, अंक 62
विशेषांक
दिन कुछ ख़ास है!
प्रसंगवश
परामर्शक (प्रो. हसमुख परमार) की कलम से....
1. पुष्प और पत्थर की अभिलाषा : देशभक्ति और मातृभूमि प्रेम का चरमोत्कर्ष
2. प्रेमचंद और उनका साहित्य : मायने और महत्त्व
संपादक (डॉ. पूर्वा शर्मा) की कलम से....
मैथिलीशरण गुप्त जन्म जयंती
आलेख – हिन्दी साहित्य के युग - प्रवर्तक राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त – अपराजिता ‘उन्मुक्त’
रक्षाबंधन
जन्माष्टमी
आलेख – श्रीकृष्ण की लौकिक लीला और पारलौकिक स्वरूप – डॉ. मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर’
कविता – श्रीकृष्ण जन्म (सुखदा छंद) – डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ‘काव्यांश’
कविता – 1. कान्हा तेरी जयजयकार 2. कान्हा जब आये संसार – प्रेम नारायन तिवारी
स्वतंत्रता दिवस
कविता – आजादी का दिन प्यारा है – प्रेम नारायन तिवारी
आलेख – एक भारत, श्रेष्ठ भारत – डॉ. राजकुमार शांडिल्य
कोलकाता स्थापना दिवस
आचार्य चतुरसेन शास्त्री जन्म जयंती
संस्मरण – ‘गोली’ के साथ बिताये वे दिन – सुरेश चौधरी
गणेश चतुर्थी
क्षमा वाणी पर्व
मिच्छामी दुक्कड़म – सुरेश चौधरी
अन्य
शब्द संज्ञान – झख मारना – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
व्याकरण विमर्श – सहायक क्रिया– डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
नवगीत रूपांतर (टैगोर की रचना का) – मेघ ऊपर मेघ छाये, अंधकार घिर घिर आये – सुरेश चौधरी
कविता – शिव-शिवा नर्तन(अरुण छंद) – डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ‘काव्यांश’
लघुकथा – एक खाली प्लाट की करुण कहानी – प्रेम नारायन तिवारी
कविता – 1.वाह रे जिन्दगी.... 2. उर्मिला – शेर सिंह हुंकार
कविता – 1. भादो की अँधियारी रातें 2. मैं पथिक हूँ – डॉ. मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर’
कविता – यादें – श्वेता कंडुलना
सामयिक टिप्पणी – सुनो ट्रंप जी : इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं! – डॉ. ऋषभदेव शर्मा