शनिवार, 30 अगस्त 2025

शब्द संज्ञान

झख मारना

डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

एक मुहावरा है - झख मारना।

इसे बहुत सारे लोग झक मारना समझते हैं।

परंतु झक कोई शब्द नहीं है।

इस बात को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

मूल संस्कृत शब्द है - झष। झष से झख बना है। झष (झख) का अर्थ होता है मछली।

हिन्दी साहित्य के माध्यकाल में यह झष झख बन गया। अवधी तथा ब्रजभाषा साहित्य में इसका प्रयोग मिलता है। बाबा तुलसीदास ने कामदेव के लिए झखकेतु शब्द का प्रयोग किया है।

अब प्रश्न है झख झक कैसे बना?

यह भी जानना रोचक है। झख की अंतिम ध्वनि ख है। ख महाप्राण ध्वनि है। ख का अल्पप्राण रूप क है। महाप्राण ध्वनि के उच्चारण में अल्पप्राण की तुलना में अधिक हवा की आवश्यकता पड़ती है और अधिक हवा निकालने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है।

परंतु झख के ख के उच्चारण में एक और पेंच है। झख का ख शब्द की अंतिम ध्वनि है। हम जानते हैं कि हिन्दी में शब्द का अंतिम अ उच्चरित नहीं होता। झख के अंतिम अ का उच्चारण न होने से झख का ख क के रूप में उच्चरित होता है।

परंतु जो सावधानी रखते हैं तथा क और ख के उच्चारण का भेद जानते हैं, वे ख का उच्चारण ख ही करते हैं। जो लोग झख के ख का उच्चारण क करते हैं, वे अपने उच्चारण के आधार पर झख को झक मान लेते हैं।

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अब ‘झख मारना’ मुहावरे को समझते हैं। ‘झख मारना’ यानी मछली मारना। जिन लोगों का संबंध गाँव से होगा, वे लोग मछली मारने के बारे में थोड़ा-बहुत जानते ही होंगे। मछली मारने वाले नदी या तालाब के किनारे कँटिया में चारा फँसा कर कँटिया पानी में फेंक देते हैं। फिर मछली फँसने का इंतजार करने लगते हैं। वह इंतजार पाँच सात मिनट से लेकर घंटे भर या उससे अधिक का भी हो सकता है। ऐसे में मछली मारने वाले को ‘झख मारकर’ (मजबूरन) बैठे रहना पड़ता है। वह समय बड़ा उबाऊ होता है। इसी संदर्भ को लेकर लोक में ‘झख मारना’ ने मुहावरे का रूप ले लिया। उन सब संदर्भों में ‘झख मारना’ का प्रयोग होने लगा, जिनमें ऊब, चिढ़, खीझ आदि भाव व्यक्त होते हैं।

१. तुम तो दस बजे आने वाले थे। एक बज रहा है। तीन घंटे से मैं तुम्हारे इंतजार में यहाँ झख मार रहा हूँ।

२. पति  - सुनती हो? क्या कर रही हो?

पत्नी  - झख मार रही हूँ। (चिढ़)

३. गाड़ी चार घंटे लेट है। उसके इंतजार में प्लेटफार्म पर बैठे-बैठे झख मार रहा हूँ। (ऊब)


डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

40, साईंपार्क सोसाइटी, वड़ताल रोड

बाकरोल-388315,

आणंद (गुजरात)

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