सुरेश
चौधरी
आनंद करण दुखहरण, चरण धरूँ मैं माथ
जग
की विपदा आ हरो, मंगलकारी नाथ
नाथ उमासुत विनिति मोर सुन लीजो ।
वंदन प्रथम
करूँ चित्त लेय, किरपा मोपे कर दीजो
गजानन गणपति
दुःखहर्ता, विघ्नेश विघ्न हर लीजो
पाप घणो कीन्हो जग में आ, शंकरसुत यो विष पीजो
हे
बुद्धि के दाता विधाता, गुण पाऊँ
ऐसा कीजो
विपदा हारी मंगल कारी,
पूर्ण जग सहारो दीजो
हे
पार्वती के दुलारे आ, मनोरथ पुरण कर लीजो
एकदंत दयावन्त
गणेश, जगत जीवन तार
दीजो
इंदु विपदा आई
घनेरी, आ प्रभु किरपा ऊलीझो
नाथ उमासुत विनिति मोर सुन लीजो ।
सुरेश
चौधरी
एकता
हिबिसकस
56
क्रिस्टोफर रोड
कोलकाता
700046
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें