‘शब्द सृष्टि’ का द्वितीय वर्ष में प्रवेश
विचार स्तवक – रामधारीसिंह ‘दिनकर’ की सूक्तियाँ
कविता – दशहरा – गौतम कुमार सागर
शब्द संज्ञान – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
आलेख – महात्मा गाँधी और हिन्दी कविता – डॉ. हसमुख परमार
संस्मरण – कंजक - मीठी याद – डॉ. पूर्वा शर्मा
चौपई /जयकरी छन्द – 1.चलो भरें हम भू के घाव 2. पुस्तक होती है अनमोल – ज्योत्स्ना प्रदीप
स्मरण – आधुनिक भारत के निर्माता : सरदार पटेल – विकास कुमार मिश्रा
कहानी पर बात – चुनाव (शैलेश मटियानी) – डॉ. हसमुख परमार
कविता – 1.लाइट-हाऊस 2. डायरी – अनिता मंडा
औपन्यासिक जीवनी – काल के कपाल पर हस्ताक्षर : हरिशंकर परसाई (भाग – 3) – राजेन्द्र चंद्रकांत राय
‘शब्द सृष्टि’ का सालाना सफ़र – पाठक की कलम से – (1) डॉ. मायाप्रकाश पाण्डेय (2) डॉ. गिरीश रोहित
सुंदर
जवाब देंहटाएंफिर एक अच्छा अंक , सभी स्तंभ सुंदर रचे गए हैं। आपका आलेख 'कंजक'अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों सहित संपादकीय टीम को बधाई।
रमेश कुमार सोनी
बढ़िया अंक । 'शब्द सृष्टि' परिवार को हार्दिक बधाई और सतत श्रेष्ठ सृजन की शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंएक और बहुत सुंदर अंक। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ पूर्वा जी।
जवाब देंहटाएंएक बार फिर बहुत बढ़िया अंक!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई के साथ-साथ ढेर सारी शुभकामनाएँ आपको
जवाब देंहटाएंप्रिय पूर्वा जी!😊
शब्द सृष्टि का द्वितीय वर्ष में प्रवेश......
जवाब देंहटाएंब्लॉगर डॉ. पूर्वा शर्मा और परामर्शक डॉ. हसमुख परमार सर को अनेकों बधाइयां💐
बहुत सुन्दर अंक. बधाई पूर्वा जी.
जवाब देंहटाएंएक बढ़िया और सार्थक अंक के लिए बहुत बधाई
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