मंगलवार, 30 सितंबर 2025

सितंबर 2025, अंक 63

 



शब्द-सृष्टि

सितंबर 2025, अंक 63  

विचार स्तवक

आलेख – विश्व स्तर पर शक्ति की भाषा बनती हिंदी – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

कविता – चाय की चुस्की में जीवन का सार – अश्विन शर्मा ‘अन्ना’

आलेख – शिक्षक का विकल्प नहीं ए.आई. – डॉ. घनश्याम बादल

कविता – शहीदों की पत्नियाँ – डॉ. मुक्ति शर्मा

आलेख – हिंदी भाषा का महत्त्व अक्षुण्ण – डॉ. ज्ञानप्रकाश ‘पीयूष’

कविता – 1. शिक्षक 2. अपनी हिंदी पे हमको तो अभिमान है – प्रेम नारायन तिवारी

आलेख – भाषा का महत्त्व और हिन्दी – डॉ. राजकुमार शांडिल्य

कविता – मत कहना मुझको दासी – दुष्यंत कुमार व्यास

आलेख – हिंदी: दृढ़ संकल्प और नेकनीयत बनाएँगे राष्ट्रभाषा – डॉ. घनश्याम बादल

कविता – माँ (गीतिका छंद) – डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ‘काव्यांश’

आलेख – हिन्दी मेरी हिन्दी………हिन्दी से हिंदी तक-नुक्तों और बिंदी तक – सुरेश चौधरी

लघुकथा – 1. हॉरिबल हिंदी डे 2. माँ की चूड़ियाँ – प्रेम नारायन तिवारी

आलेख – रामकथा के अनन्य व्याख्याता-बाबा कामिल बुल्के – इन्द्रकुमार दीक्षित

लघुकथा – बूढ़े कंधों का बोझ – श्वेता कंडुलना

संस्मरण – अमेरिका यात्रा के कुछ अंश( वर्ल्डट्रेडसेंटर) – सुरेश चौधरी

आलेख – आधुनिक स्त्री और हिंदी साहित्य – प्रीति अग्रवाल


3 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्दी से सम्बंधित ज्ञानवर्धक आलेखों , कविताओं, लघुकथाओं से सुसज्जित बेहतरीन अंक के लिए सम्पादक मंडल को हार्दिक बधाई।सुदर्शन रत्नाकर

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  2. सितम्बर माह मतलब हिन्दी दिवस, हिन्दी पखवाड़ा, हिन्दी महीना...हिन्दी की खूब बातें। इस दृष्टि से यह अंक पूर्ण रूप से प्रासंगिक। वैसे भी शब्दसृष्टि का हर अंक बहुत ही बढ़िया होता है...ज्ञानप्रद, विचारपूर्ण और जानकारी से परिपूर्ण। हमारी पढ़ाई में भी ये अंक बड़े उपयोगी। आदरणीय प्रो.हसमुख सर का बढ़िया मार्गदर्शन और संपादिका पूर्वा शर्मा जी का कुशल संपादन पत्रिका को काफी महत्वपूर्ण बना रहे है। 🙏💐प्रो.हसमुख सर की कलम से भी हर बार नये नये महत्वपूर्ण विषयों पर शोधपूर्ण लेख आते है।
    हर महीने प्रतिक्षा रहती है। संपादिका डाॅ.पूर्वा शर्मा और आदरणीय सर को हार्दिक बधाई। 💐Hiya

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  3. हिंदी को सशक्त बनाता हुआ यह अंक अच्छा है-शुभकामनाएँ।
    पूर्णतः प्रासंगिक अंक, हिंदी को समर्पित-बधाई।

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सितंबर 2025, अंक 63

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