शब्द-सृष्टि
अक्टूबर 2025, अंक 64
शब्दसृष्टि का 64 वाँ अंक : प्रकाशपर्व की मंगलकामनाओं सहित.....– प्रो. हसमुख परमार
आलेख – दीपपर्व – डॉ. घनश्याम बादल
कविता – 1. दूर करें अंधियारा 2. अबकी बार दीवाली में – प्रेम नारायन तिवारी
आलेख – दीपावली की प्रासंगिकता और स्वरूप – डॉ. राजकुमार शांडिल्य
तेवरी – दीपावली – डॉ. ऋषभदेव शर्मा
लघुकथा – लक्ष्मी के दो रूप – प्रेम नारायन तिवारी
कविता – ऐ कवि लिख देना – डॉ. मोहन पाण्डेय भ्रमर
आलेख – अर्चना कोचर की कविताओं में सामाजिक यथार्थ और सांस्कृतिक चेतना – डॉ. नरेश सिहाग
लघुकथा – 1.भाग्य का लिखा 2. निर्णय – सविता मिश्रा ‘अक्षजा’
कृती व्यक्तित्व – लालबहादुर शास्त्री – सुरेश चौधरी ‘इंदु’
कृती व्यक्तित्व – कमाल की शख्सियत थे डॉ कलाम – डॉ. घनश्याम बादल
आलेख – हिंदी हाइकु कोश में बेटी विषयक हाइकु – तुकाराम पुंडलिक खिल्लारे
कविता – 1. कुकुर कथा 2. देशभक्ति – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी
आलेख – वीर जटायु – प्रीति अग्रवाल
गीत – वाणी गूँगी – दुष्यंत कुमार व्यास
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