1.
दूर करें अंधियारा
प्रेम नारायन तिवारी
पर्व प्रकाश दीपावली आई,
जगमग हो जग सारा।
आओ हम सब दीप जलाकर,
दूर करें अंधियारा।।
एक एक दीप जला दें हम तो,
अंधियारे का नाम नहीं,
एक एक दीप जला देना भी,
मुश्किल है कुछ काम नहीं,
बूँद बूँद बरसता जल जब,
बह जाती जलधारा।
आओ हम सब दीप जलाकर,
दूर करें अंधियारा।।
दीप जलाने के पहले हम,
स्वच्छ करें आँगन गलियाँ,
जबतक बाग न स्वच्छ लुभातीं,
कहाँ किसी को हैं कलियाँ,
बाग स्वच्छ, महक उठता है,
फूल से उपवन सारा।
आओ हम सब दीप जलाकर,
दूर करें अंधियारा।।
ऐसा दीप सजायें, कहीं ना,
अंधियारे को ठाँव मिले,
शहर तो सुन्दर स्वच्छ दिखे ही,
अतिसुन्दर हर गाँव मिले,
शहर गाँव गर स्वच्छ हों दोनों,
भारत जग से न्यारा।
आओ हम सब दीप जलाकर,
दूर करें अंधियारा।।
गर रौशन हों हर घरगलियाँ,
एकरूपता आयेगी,
कटुता का साम्राज्य ध्वस्त हो,
समरसता आ जायेगी,
तभी कहा जायेगा जग में,
हम में भाईचारा।
आओ हम सब दीप जलाकर,
दूर करें अंधियारा।।
“प्रेम” युगों से पर्व प्रकाश का,
इस दिन सभी मनाते हैं,
वनवासी श्रीराम प्रभु जब,
लौट अयोध्या आते हैं,
रावण अंत किया था प्रभू ने,
हनुमत लिए सहारा।
आओ हम सब दीप जलाकर,
दूर करें अंधियारा।।
2
अबकी बार दीवाली में
आओ ऐसे दीप जलायें,
अबकी बार दीवाली में।
कहीं अन्धेरा न रह जाये,
गलती से, खुशहाली में।।
दीपक तले अन्धेरा रहता,
इस दुनियाँ में कहते हैं।
आओ इसको झूठ बना दें,
ऐसा मिलजुल करते हैं।
बहुत बड़ा इक राज छिपा है,
इस सुन्दर सी गाली में।
कहीं अन्धेरा न रह जाये,
गलती से, खुशहाली में।।
सूरज और चाँद के जैसे,
दीपक को बनना होगा।
महलों के संग कुटिया में भी,
अब इसको जलना होगा।
तभी तो सुन्दर सजे दीवाली,
अमावस निशि काली में।
कहीं अन्धेरा न रह जाये,
गलती से, खुशहाली में।।
एक घर में जो मने दीवाली,
दूजे घर में अन्धेरा हो।
फिर कैसे होगा अगले दिन,
सुन्दर सरल सबेरा हो।
ठन जायेगी जंग देखकर,
यह सब फूल व माली में।
कहीं अन्धेरा न रह जाये,
गलती से, खुशहाली मे।।
सभी सुखी हों भारतवासी,
ऐसा कुछ करना होगा।
इसकी खातिर बाती बनकर,
तेल के संग जलना होगा।
तभी सभी का सपना पूरा,
अन्न जुटे हर थाली में।
कहीं अन्धेरा न रह जाये,
गलती से, खुशहाली में।।
एक तरफ भय भूख भयंकर,
एक तरफ है भ्रष्टाचार।
कबतक सहेंगे भारतवासी,
इन तीनों का अत्याचार।
प्रेम है बीता
समय बहुत सा,
हुल्लड़ हीलाहवाली में।
कहीं अन्धेरा न रह जाये,
गलती से, खुशहाली में।।
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प्रेम नारायन तिवारी
रुद्रपुर देवरिया।
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