शुक्रवार, 31 मई 2024

मई 2024, अंक 47

शब्द-सृष्टि

मई 2024, अंक 47

विचार स्तवक

शब्द संज्ञान – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

सृजन-स्मरण – मैथिलीशरण गुप्त / उदय प्रकाश

व्याकरण विमर्श – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

आलेख – स्त्री विमर्श के निकष पर मीरा और मीरा-काव्य : डॉ.शिवकुमार मिश्र के नजरिए से – प्रो. हसमुख परमार

विशेष – माँ : सतत बहता स्नेह निर्झर –डॉ. पूर्वा शर्मा

कविता – ‘न’ कहने की सज़ा – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

कहानी – गुड मॉर्निंग – डॉ. कुँवर दिनेश सिंह

अनुवाद – निर्वाण षट्कम का हिन्दी भावानुवाद – सुरेश चौधरी

पुस्तक चर्चा – ‘नचिकेता, मैं नहीं’ (कविता संग्रह, रामकिशोर उपाध्याय) – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी

दोहे – माँ – सुरेश चौधरी

कविता – मेरा गाँव आज खाली है – अरुणकुमार सिंह

सामयिक टिप्पणी – शौचालय का रास्ता रोकती आचार संहिता! – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

कविता – युवा पीढ़ी – ज्योति चेल्लपन

8 टिप्‍पणियां:

  1. आकर्षक आवरण एवं उम्दा रचनाओं के साथ बेहतरीन अंक। बहुत बहुत बधाई पूर्वा जी। सुदर्शन रत्नाकर

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  2. एक और महत्वपूर्ण व सुंदर-आकर्षक अंक के लिए प्रो.हसमुख सर तथा डाॅ.पूर्वा जी को हार्दिक बधाई। 💐🙏
    आपकी विद्वता और कुशलता का बड़ा प्रमाण है यह पत्रिका। Hiya

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  3. शब्द सृष्टि का मई अंक अपने नवीनतम आलेख, कविताएँ, कहानी और व्याकरण विमर्श के साथ उत्कृष्ट और ज्ञानवर्धक है... इतने व्यस्थित अंक संपादित करने के लिए शब्द सृष्टि के मार्गदर्शक गुरुवर प्रो. हसमुख परमार सर और संपादिका डॉ. पूर्वा शर्मा जी को खूब बधाईयाँ.... साथ ही पत्रिका के इस अंक में प्रकाशित सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं।
    (पत्रिका की खासियत यह है कि हमारे गुरुवर हर माह इसे एक विषेषांक के रूप में प्रकाशित करते हैं... यह अंक माँ विशेषांक है, आप हमेशा स्वस्थ रहें और हमें मार्गदर्शित करते हैं)
    कुलदीप आशकिरण

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  5. शब्द-सृष्टि के मई 2024 के अंक में गुरूदेव प्रो. हसमुख परमार जी का "स्त्री विमर्श के निकष पर मीरा और मीरा-काव्य" डॉ.शिवकुमार मिश्र के नजरिए से बेहद सारगर्भित आलेख है जिसमें नारी जो शताब्दियों से पड़ताड़ित रही उसे मीरा बाई से जोड़कर प्रस्तुत किया गया | तत्कालीन समाज ने मीरा को घर की चहारदीवारी में बांधने के अनेक प्रयास किये क्योंकि वह युवा, स्त्री एवं विधवा होना ये सब इस पड़ताड़ना के सहभागी कारण रहे |
    मुकेश चौधरी, शोधार्थी हिंदी विभाग

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  6. बहुत सुंदर और संग्रहणीय अंक,बधाई - रवि शर्मा इंदौर

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  7. श्रेष्ठता की राह में एक कदम और बढ़ाते हुए शब्द सृष्टि के इस सुंदर अंक की बधाई।
    शुभकामनाएँ।

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