डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर
Ø किसी भी समाज की प्रगति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता
है कि उस समाज में महिलाओं की कितनी प्रगति हुई है।
Ø ज्ञान ही आदमी के जीवन की आधारशिला है।
Ø मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
Ø मैं ऐसी समाज रचना चाहता हूँ, जो समता, स्वतंत्रता भाईचारे की भावना
से भरी हो ।
Ø जात-पाँत के रहते, न समाज संगठित हो सकता है और न उसमें राष्ट्रीय भावना जागृत हो सकती है।
Ø इस पूरी दुनिया में गरीब वही है जो शिक्षित नहीं है।
Ø जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।
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