एक सफ़र सूरज की ओर
प्रो. पुनीत बिसारिया
बाल समय रवि भक्ष लियो तब तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो॥
देवन आनि करी बिनती तब छांडि दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
हमारे अपरिमित तेज वज्रांग घन हनुमान बालपन में ही सूर्य पर पहुँच गए थे, यह हमने संकट मोचन हनुमानाष्टक में पढ़ा था, किन्तु हमारे भारतीय मेधा सम्पन्न वैज्ञानिक इसे मेरे जीवनकाल में सत्य सिद्ध कर देंगे, यह कल्पनातीत लगता था। आदित्य एल 1 मिशन ने हनुमान जी को समर्पित दिन अर्थात आज शनिवार 02 सितम्बर 2023 को ग्यारह बजकर पचास मिनट पर अपरिमित वेग से सूर्य की ओर की यात्रा सफलतापूर्वक शुरू कर दी है। इस मिशन की योजना सूर्य के एल 1 बिंदु पर जाने की है, जिसके निर्विवाद सफल होने पर मुझे आशा है कि माननीय प्रधानमंत्री शीघ्र ही शिवलोक और तिरंगा जैसा कोई प्यारा नामकरण करेंगे। आदित्य मिशन से ज्ञात होगा कि सूर्य को गर्म करने के कारक कौन हैं, धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य किस तरह पृथ्वी को प्रभावित करता है और इस अध्ययन से मौसम की सटीक भविष्यवाणी संभव हो सकेगी। भारतीय वैज्ञानिकों अब आप पूरे विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक हो। आशा है इसरो की मेधा शीघ्र ही कुछ अन्य अभियानों से भी भारत के भाल को गर्वोन्नत करती रहेगी। महावीर संकटमुक्त सफल अभियान में सहायक हों, इसी कामना के साथ।
।।जय जवान, जय
किसान,
जय विज्ञान।।
प्रो. पुनीत बिसारिया
आचार्य एवं पूर्व अध्यक्ष-हिन्दी विभाग,
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय
झाँसी (उत्तर प्रदेश)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें