हिंदुस्तान है हिंदी
डॉ. अनु मेहता
क्या जवाब दोगे
जब हिंदी पूछेगी सवाल
मुकदमा तो कोई नहीं होगा
मगर जमीर के कटघरे में
तुम्हें खड़ा करके
हिंदी जब करेगी सवाल
क्या दोगे जवाब
नजर चुराने का फायदा नहीं होगा
आँखों में आँखें डाल कर जब पूछेगी
तब क्या होगा हाल
क्या जवाब दोगे
जब हिंदी पूछेगी सवाल
संघर्ष और चुनौतियों के तूफानों को
कब का पीछे छोड़ आई है हिंदी
काँटों भरी राहों पर भी
दिल खोल कर मुस्कुराई है हिंदी
फितरत में इसकी जरा भी गुलामी नहीं है
अंदाज-ए-बयाँ में हिंदी का कोई सानी नहीं है।
अपनों के हाथों हारने का
रहेगा हमेशा मलाल
क्या जवाब दोगे
जब हिंदी पूछेगी सवाल
बस चुप रहोगे
यह खामोशी
यह चुप्पी
बहुत कुछ खत्म कर देगी
तुम्हें क्या लगता है
सब अपने आप ठीक हो जाएगा
मसला खुद सुलझ जाएगा
भाषा वफा के बदले वफा माँगेंगी
तो क्या करोगे
हिंदी पूछेगी सवाल
तो क्या जवाब दोगे
जानते हो ना
जन आंदोलनों की भाषा है हिंदी
लोकतंत्र की आशा है हिंदी
प्रौद्योगिकी की भाषा है हिंदी
वैश्वीकरण की भाषा है हिंदी
देश दुनिया का व्यापार है हिंदी
साहित्य संस्कृति का शृंगार है हिंदी
विचार और चेतना की है हिंदी
वेदना और संवेदना है हिंदी
साहित्य और विमर्श है हिंदी
गौरव और हर्ष है हिंदी
ख्वाब और ख्याल है हिंदी
जवाब और सवाल है हिंदी
सहजता, सरलता मिठास है हिंदी
आशा और विश्वास है हिंदी
फिल्म और नाट्य में है हिंदी
गीत और काव्य में है हिंदी
विपुल शब्द भंडार है हिंदी
लोकप्रिय और उदार है हिंदी
जनसंपर्क और लोक संवाद है हिंदी
सृजन और अनुवाद है हिंदी
रेडियो,टीवी,फिल्म में है हिंदी
अदब और इल्म में है हिंदी
संत महात्माओं की भाषा है हिंदी
अभिनय और कला की
परिभाषा है हिंदी
लय,छंद और अलंकार है हिंदी
हास्य करुणा और शृंगार है हिंदी
पायल की छनक है हिंदी
चूड़ियों की खनक है हिंदी
सूर तुलसी कबीर है हिंदी
प्रेम की कसक ,पीर है हिंदी
मिजाज में मिष्ठ और शिष्ट है हिंदी
उदारता में विशिष्ट में हिंदी
सत्यम् शिवम् सुंदरम् है हिंदी
देवनागरी में उत्तम है हिंदी
चुनौतियों से जमकर लड़ी है हिंदी
सबको साथ लेकर अटल खड़ी है हिंदी
जाति नस्ल के मसले से दूर है हिंदी
देश परदेश में बहुत मशहूर है हिंदी
अपने इतिहास में बहुत समृद्ध है हिंदी
अपने फलक में बहुत बृहद है हिंदी
शिशु की लोरी में है हिंदी
नैनों की चोरी में है हिंदी
दादी नानी की कहानी है हिंदी
बहते दरिया का पानी है हिंदी
विश्व में परचम लहरा रही है हिंदी
भारत का डंका बजा रही है हिंदी
भारत माँ का लहराता आँचल है हिंदी
माथे पर माँ के जैसे सजी है बिंदी।
राष्ट्र की अस्मिता और पहचान है हिंदी
हम सब का स्वाभिमान है हिंदी
इसे महज एक भाषा न समझिए जनाब
खुद में एक पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।
डॉ. अनु मेहता
प्राचार्या एवं
विभागाध्यक्ष (हिंदी)
आनंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ पी .जी स्टडीज इन आर्ट्स,
आणंद, गुजरात
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