हिन्दी हिन्दुस्तान की
लक्ष्मी नितिन डबराल
सदा रही है, सदा रहेगी, हिन्दी हिन्दुस्तान की ।
सदियों से है और रहेगी, शान ये हिन्दुस्तान की ।।
कितने आक्रांता आए यहाँ, आए और आकर चले गए ।
मिटाना चाहा निज भाषाओं को पर,
हिन्दी को ना मिटा पाए ।।
जड़ें हैं गहरी इतनी इसकी, ये राष्ट्रभाषा भारत महान की ।
राष्ट्र पथ पर अग्रसर सदा, ये हिन्दी हिन्दुस्तान की ।।
पढ़ो समझो निज भाषा को, भाषा नहीं यह अभियान है ।
इसकी रक्षा करना तो हर भारतवासी का काम है ।।
पढ़ो पढ़ाओ निज भाषा को, यह भाषा है ज्ञान-विज्ञान की ।
नहीं मिटी है नहीं मिटेगी, ये हिन्दी हिन्दुस्तान की ।।
जब तक गाँवों-गाँवों में हिन्दी भाषा को सम्मान मिलेगा ।
ऐसे ही यह फले फूलेगी हिन्दी भाषी को अभिमान मिलेगा ।।
इसके जैसी दूजी नहीं कोई, यह भाषा है सम्मान की ।
सदियों से है और रहेगी शान यह हिंदुस्तान की ।।
सदा रही है, सदा रहेगी, हिन्दी हिन्दुस्तान की....
***
लक्ष्मी नितिन डबराल
10 पटेल नगर, नई मण्डी
मुजफ्फरनगर 251001
उत्तर प्रदेश
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