योजक वाक्य
डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
एक प्रश्न है -
नैतिकता उनका सबसे बड़ा गुण थी।
नैतिकता उनका सबसे बड़ा गुण था।
कौन-सा वाक्य सही है?
पहला वाक्य सही है -
नैतिकता उनका सबसे बड़ा गुण थी।
कैसे?
आइए समझते हैं।
वाक्य के घटकों के आधार पर कहें तो यह 'योजक वाक्य'है।
योजक वाक्य अस्तित्वबोधक या सत्ताबोधक क्रिया 'होना' के विविध रूपों से बनता है।
योजक वाक्य के मुख्य तीन घटक होते हैं -
कर्ता, पूरक
तथा योजक क्रिया। योजक क्रिया कर्ता तथा पूरक को जोड़ती है।
कर्ता के स्थान पर कोई संज्ञा या सर्वनाम शब्द होता है।
पूरक के स्थान पर कोई भाववाचक संज्ञा या विशेषण शब्द होता है।
योजक क्रिया कर्ता और पूरक दोनों को जोड़ती है, तभी कोई वाक्य अस्तित्व में आता है।
इसी लिए ऐसे वाक्यों को योजक वाक्य कहा जाता है।
नैतिकता उनका सबसे बड़ा गुण थी।
इस वाक्य में -
नैतिकता शब्द कर्ता है।
थी उसकी क्रिया है।
(नैतिकता स्त्रीलिंग शब्द है। इसलिए थी)
नैतिकता थी।
वाक्य तो बन गया।
परंतु पूरक के बिना आशय स्पष्ट नहीं होता।
'उनका सबसे बड़ा गुण' संज्ञा पदबंध है, पूरक की भूमिका में है।
वाक्य का कथ्य नैतिकता है।
गुण कथ्य नहीं है। वह तो नैतिकता का विशेषक है। ध्यान रखें। संज्ञा शब्द भी
विशेषक की भूमिका में आते हैं।
वह कर्ता नहीं हो सकता।
डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
40,
साईंपार्क सोसाइटी, वड़ताल रोड
बाकरोल-388315,
आणंद (गुजरात)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें