प्रहार
डॉ. अनु मेहता
देखिए-शिरोरेखा गायब, चंद्रबिंदु लापता
और नदारद कहीं अनुस्वार हो गया,
भाषा की गुमशुदगी का ये किस्सा
मानो एक मामूली समाचार हो गया।
वर्तनी की लड़ाई, मात्राओं के युद्ध में
अज्ञानता का इतना विस्तार हो गया।
व्याकरण को बड़ी भारी ठेस लगी,
भाषा के हृदय पर प्रहार हो गया।
संस्कृति और सभ्यता का चिह्न है भाषा
बाज़ारवाद में यह महज़ व्यापार हो गया।
डॉ. अनु मेहता
प्राचार्य एवं विभागाध्यक्षा,
आणंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीजी स्टडीज इन आर्टस,
आणंद
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