अंक के बारे में....
डॉ. पूर्वा शर्मा
यह सफ़र
अति आनंदकर
वजह ‘आप’।
मार्गदर्शक के पदचिह्न-आशीर्वाद-स्नेह,
सभी साथियों एवं सुधी पाठकों के सहयोग-स्नेह से पिछले लगभग चार वर्षों से प्रकाशित
‘शब्द-सृष्टि’ के हर अंक को प्रकाशित करने का मेरा अनुभव बहुत सुखद रहा। हर
माह नियमित रूप से प्रकाशित इस इ-पत्रिका की कुल अंकों की संख्या आज 53 तक पहुँची है।
इन अंकों की कुछ अलग-अलग खासियत रही है। ‘विशेषांक’ के रूप में प्रकाशित विविध अंकों
में विस्तार रहा – किसी एक खास कवि, लेखक विधा, विषय, भाषा आदि का। तथा ‘सामान्य अंक’
में एक जगह, एक साथ –एकाधिक कवि, लेखक, विधा, विषय आदि का। विषय वस्तु की दृष्टि से
भी इसमें हमने वैविध्य बनाए रखा है। इसमें भाषा, साहित्य, व्याकरण, शोध-समीक्षा के साथ-साथ
साहित्येतर विषयों को भी बराबर स्थान मिलता रहा है।
प्रस्तुत 53 वाँ
अंक तैयार हुआ है – डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र, डॉ. ऋषभदेव शर्मा, डॉ. सुपर्णा मुखर्जी, भीकम सिंह,
प्रो. शिवप्रसाद शुक्ल, सुरेश चौधरी जी, डॉ. राजकुमार शांडिल्य, मीनू
बाला तथा अश्विन शर्मा की दृष्टि एवं लेखनी से। और हाँ, गुरुवर-प्रो. हसमुख परमार सर
के सहयोग के बिना तो शब्द सृष्टि का कोई भी अंक संभव नहीं; उनके विचार, उनकी दृष्टि,
उनकी लेखनी से सदा ही ‘शब्द-सृष्टि’ अपने विकास
पथ पर अग्रसर रही है। प्रत्येक
अंक की तरह इस ‘53वें’ अंक को भी व्यवस्थित एवं आकर्षक रूप में प्रस्तुत करने का हमने
प्रयास किया है।
विभिन्न ऋतुओं के
कारण हमारे भारत देश के प्राकृतिक सौन्दर्य में तो वृद्धि होती ही है, साथ ही कतिपय
त्योहारों एवं विशेष दिनों-पर्वों के कारण प्रत्येक माह की अपनी एक अलग पहचान है, और
एक विशेष महत्त्व। नवंबर-दिसंबर का माह हेमंत ऋतु की छटा को लेकर हमारे जीवन में एक
अलग रंग-आनंद-उल्लास एवं गुलाबी शीत का अनुभव कराता है। प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ
कुछ विशेष दिवसों – आंध्र प्रदेश,
हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और
पंजाब का स्थापना दिवस, विश्व परिवहन दिवस, बाल-दिवस, झारखंड दिवस, गुरु नानक जयंती,
महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन हेतु अन्तर्राष्ट्रीय दिवस, संविधान दिवस प्रभृति
नवंबर माह को विशेष रूप से यादगार बनाते हैं। हेमंत ऋतु के साथ इन कतिपय पर्वों-दिवसों
से संबद्ध कुछ रचनाएँ-आलेख-जानकारी से यह अंक सुसज्जित है।
‘शब्द-सृष्टि’ के
सभी सुधी पाठकों, अपनी लेखनी से ‘शब्द-सृष्टि’ का हिस्सा बने हुए सभी साहित्यकारों-समीक्षकों
के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं, इस कामना के साथ कि आपके सहयोग से ‘शब्द-सृष्टि’
की आगामी यात्रा इसी तरह हिन्दी के विकास एवं विस्तार हेतु चलती रहे।
डॉ. पूर्वा शर्मा
वड़ोदरा
निःसंदेह आप परिश्रम पूर्वक महत्त्वपूर्ण कार्य कर रही हैं, शब्द सृष्टि ने अपना अलग स्थान बनाया है। हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंशब्द सृष्टि का नवम्बर अंक मन को छू गया, आपको हार्दिक शुभकामनाऍं।
जवाब देंहटाएंशब्द सृष्टि के सभी 53 अंक डॉक्टर पूर्वा शर्मा की मेहनत का नतीजा है । आशीर्वाद पूर्वा ।
जवाब देंहटाएंयह आपके परिश्रम और लगन का परिणाम है कि प्रथम अंक से नवम्बर २०२४ के सभी अंक निखार लेकर आए हैं। आपको हार्दिक बधाई ।सुदर्शन रत्नाकर
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