श्याम
आ जा श्याम सलोने बंसी
के बजैया
तू तारण हार तू
ही जगत के खेवैया
पार लगा साँवरिया
बीच भँवर है नैया।
ढूँढा तुझे
श्याम मधुवन
में वंशी वट में
वृंदावन की गलियन
में कालिंदी तट में
था छिपा साँवरे तू
पीत रंग के पट में
आओ नयन पीयूष भर दो अंतस् घट में
आ जा गोविन्द गोपाल
धेनु के चरैया
पार लगा साँवरिया
बीच भँवर है नैया।
पूजा ही कर्म कर्म बिन नहीं मार्ग दूजा
ज्ञान कर्म का कान्हा तूने
दिया अनूठा
छुड़ा मोह कर्म सिखा
दे साँवरे अबूझा
कर्म हेतु सदैव
रहे तत्पर दोनों भुजा
आ जा कृष्ण मोहन ओ गीता के रचैया
पार लगा साँवरिया
बीच भँवर है नैया।
मेरे शीश चरण सरोज पर रख दो स्वामी
दुख मेरे सब आ हर लो ओ अंतर्यामी
हाथ जोड़ बिनती इतनी चित्त स्वच्छ रहे
कृपा बनी रहे
और सूरत प्रत्यक्ष
रहे
आ जा नंद नंदन माधव माखन खवैया
पार लगा साँवरिया बीच भँवर है नैया।
आ जा करुणा सागर आ जा कृपानिधाना
तेरी लीला को
तारणहार कौन जाना
सुन गज की पुकार तेरा दौड़ चला आना
आ तेरा चीर
द्रौपदी के लिए बढ़ाना
आ करो इंदु
पर भी कृपा मेरे कन्हैया
पार लगा साँवरिया बीच भँवर है नैया।
सुरेश चौधरी 'इंदु'
एकता हिबिसकस
56
क्रिस्टोफर रोड
कोलकाता -700046
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