कविता
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
मेरे और तुम्हारे किस्से
कितने प्यारे-प्यारे किस्से ।।
दिल को दिल की बात
सुनाते
भावों के हरकारे किस्से ।।
जिसने दिल से सुनकर समझे
मैंने उसपर वारे किस्से ।।
झिलमिल-झिलमिल दमक उठे ,जो-
तुमने तनिक सँवारे किस्से।।
तुम छू लो तो हो जाएँगे
सूरज , चाँद, सितारे किस्से ।।
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
वापी (गुजरात)
बहुत सुंदर क़िस्से
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार जी 💐🙏
हटाएंवाह! बहुत प्यारे क़िस्से बहुत बहुत बधाई। सुदर्शन रत्नाकर
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया दीदी 🙏
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