खाँचा
सत्या
शर्मा ‘कीर्ति’
अखबार
का मुख्यपृष्ठ बड़े अभिनेता की आत्महत्या की खबर से भरा पड़ा था ।
मन
गहरी संवेदना से भर गया प्रिया का। पीड़ा की एक लहर-सी जैसे दिल में समा गई। वह
एक-एक लाइन ध्यान से पढ़ती रही । लगा जैसे कोई अपना ही बिछुड़ गया हो ।आँखें बार -
बार डबडबा रही थी, अंदर के भी कई
पन्नों पर उसी खबर की चर्चा और पड़ताल थी।
पढ़ते-पढ़ते
बीच के पन्ने पर छोटे से कोने में जैसे एक अवांछित से समाचार पर उसकी नजर गयी ।
उसके ही शहर में एक गरीब परिवार के सभी सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी ।
उसके
मुँह से अनायास निकला “ओह .. लॉकडाउन का एक असर यह भी।”
फिर
एक सरसरी निगाह डाल उसने पन्ने पलट दिए।
सत्या
शर्मा ‘ कीर्ति’
राँची
(झारखंड)
भावपूर्ण रचना। हार्दिक बधाई सुदर्शन रत्नाकर
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