बुधवार, 4 मई 2022

प्रश्न शृंखला

1

साहित्यशास्त्र

डॉ. हसमुख परमार

                (1किस काव्यशास्त्रीय विषय की चर्चा का आरम्भ प्रादेशिक विशेषता के विचार से हुआ था

(क) ध्वनि

(ख) औचित्य

(ग) रीति

(घ) अलंकार

               (2निम्न में से किस संस्कृत आचार्य ने आनंदवर्धन के ‘ध्वन्यालोक’ ग्रंथ पर ‘लोचन’ नाम की टीका लिखी है

(क) अभिनवगुप्त

(ख) भट्टतौत

(ग) शंकुक

(घ) लोल्लट

                (3अभिधा शक्ति के तीन प्रकारों – रूढ़ि, योग एवं योगरूढ़ि को किसने क्रमशः समुदाय शक्ति, केवलायव शक्ति तथा समुदायावय शक्ति संकर भी कहा है

(क) आचार्य वामन

(ख) पंडितराज जगन्नाथ

(ग) आचार्य कुंतक

(घ) आचार्य मम्मट

                 (काव्यशास्त्र के निम्नलिखित ग्रंथों का काल की दृष्टि से सही अनुक्रम क्या है

(क) काव्यालंकार सारसंग्रह – अभिधावृत्तिमातृका – व्यक्तिविवेक – प्रतापरुद्री यशोभूषण

(ख) प्रतापरुद्री यशोभूषण – काव्यालंकार सारसंग्रह – व्यक्तिविवेक –अभिधावृत्तिमातृका

(ग) व्यक्तिविवेक – काव्यालंकार सारसंग्रह – अभिधावृत्तिमातृका – प्रतापरुद्री यशोभूषण

(घ) अभिधावृत्तिमातृका – व्यक्तिविवेक – प्रतापरुद्री यशोभूषण –काव्यालंकार सारसंग्रह

                 (5पदपरार्ध वक्रता का भेद है -

(क) वचनवैचित्र्य वक्रता

(ख) लिंगवैचित्र्य वक्रता

(ग) विशेषण वक्रता

(घ) वृत्ति वक्रता

               (6रस अर्थन तें भिन्न जो, शब्द अर्थ के माँहि ।

चमत्कार भूषण सरिस, भूषन मानत ताहि।।

– अलंकार संबंधी यह मत निम्न में से किसका है

(क) भिखारीदास 

(ख) भूषण

(ग) चिन्तामणी त्रिपाठी

(घ) मतिराम

               (7राजशेखऱ के मतानुसार ‘कारयित्री’ और ‘भावयित्री’ नामक दो भेद निम्न में से किसके हैं

(क) रीति

(ख) शब्दशक्ति

(ग) व्युत्पत्ति

(घ) प्रतिभा

               (8)  राजत रंच न दोषयुत, कविता बनिता मित्र।

बुन्दक हाला परत ज्यों, गंगा घट अपवित्र।।

विप्र न नेगी कीजिये, मुग्ध न कीजै मित्त।

प्रभु न कृतघ्ना सेइये, दूषण सहित कवित्त।।

– काव्य दोष संबंधी ये पंक्तियाँ हिन्दी के किस काव्यशास्त्रीय ग्रंथ से उद्धृत हैं

(क) कविकुल कल्पतरू

(ख) कविप्रिया

(ग) काव्य-सरोज

(घ) रस-पीयूष-निधि

              (9)  महिमभट्ट का ग्रंथ है -

(क) सरस्वतीकण्ठाभरण

(ख) एकावली

(ग) अभिधावृत्तिमातृका

(घ) व्यक्तिविवेक

(10)  आचार्य मम्मट निर्दिष्ट काव्यप्रयोजनों में प्रमुख प्रयोजन है -

(क) सद्यः परिनिर्वृत्तये

(ख) यश से

(ग) शिवेतरक्षतये

(घ) कान्तासम्मिततयोपदेशयुजे

(11)   विद्युत की इस चकाचौंध में देख दीप की लौ रोती है।

 अरी हृदय को थाम महल के लिए झोंपडी बलि होती है। - दिनकर

– प्रयोजनवती लक्षणा के किस भेद का उदाहरण है

(क) शुद्धा उपादानलक्षणा सारोपा

(ख) गौणी उपादानलक्षणा सारोपा

(ग) गौणी लक्षणलक्षणा साध्यवसाना

(घ) शुद्धा उपादानलक्षणा साध्यवसाना

(12)  ‘रस के आस्वादन के समय अन्य किसी प्रकार के वेद्य अर्थात ज्ञान का स्पर्श तक  नहीं हो पाता।’ - रस की यह विशेषता निम्न में से किससे जुड़ी है

(क) रस स्वप्रकाश है

(ख) रस ब्रह्मास्वादसहोदर है

(ग) रस वेद्यान्तर स्पर्शशून्य है

(घ) रस चिन्मय है

(13)   ‘काव्यानन्द आध्यात्मिक है’ - मान्यता के प्रवर्तक कौन है

(क) काँट

(ख) शिलर

(ग) हीगेल

(घ) प्लोटिनस

(14)   ‘अभिनय दर्पण’ के रचयिता कौन है

(क) नन्दिकेश्वर

(ख) ब्रह्मदत्त

(ग) मेधाविन्

(घ) काश्यप

(15)   आचार्य भोजराज ने चित्त की विविध अवस्थाओं के आधार पर कितने काव्यगुणों को मान्यता दी

(क) तीन

(ख) दस

(ग) बीस

(घ) सात

(16)  रस के वर्ण और देवता के संबंध में निम्न में से कौनसा विकल्प सही है

(क) वीर-गौर-महेन्द्र

(ख) अद्भुत-नील-श्रीनारायण

(ग) करुण-रक्त-महाकाल

(घ) शृंगार-श्वेत-ब्रह्मा

(17)   आचार्य शंकुक का मत है -

(क) अनुमितिवाद

(ख) भुक्तिवाद

(ग) अभिव्यक्तिवाद

(घ) उत्पत्तिवाद

(18)   तरणि के संग तरल तरंग में

तरणि डूबी थी हमारी ताल में ।

– किस प्रकार की वक्रता है

(क) कालवैचित्र्य वक्रता

(ख) निपात वक्रता

(ग) वर्णविन्यास वक्रता

(घ) प्रकरण वक्रता

(19)   आचार्य रामदहिन मिश्र का ग्रंथ है -

(क) काव्यदर्पण

(ख) अलंकार मंजूषा

(ग) रस कलश

(घ) वाङ्मय विमर्श

(20)   अभिधा के स्तर पर ‘दिवास्वप्न’ निम्न में से किसका पर्याय है

(क) मिथक

(ख) फैण्टसी

(ग) आइरनी

(घ) विखण्डन

(21)   ‘अन्तः करण की वृत्तियों के चित्र का नाम कविता है’ - किसका कथन है

(क) आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी

(ख) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

(ग) आचार्य रामदहिन मिश्र

(घ) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

(22)   Poetry is, at bottom, a criticism of life - काव्य की यह परिभाषा किसकी है

(क) कॉलरिज

(ख) वर्ड्सवर्थ

(ग) टी.एस.इलियट

(घ) मैथ्यू आर्नल्ड

(23)   अरस्तू के विचार से काव्य-विषय के कितने रूप हैं

(क) दो

(ख) चार

(ग) पाँच

(घ) तीन

(24)   अरस्तू के काव्यशास्त्रीय चिंतन में ‘सूर्य की एक परिक्रमा’ वाली बात किससे जुड़ी है

(क) त्रासदी की परिभाषा

(ख) त्रासदी के प्रकार

(ग) विरेचन

(घ) त्रासदी के तत्व

(25)   किस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी में On the Sublime और हिन्दी में ‘उदात्त के विषय’ या ‘काव्य में उदात्त तत्व’ है

(क) पोएटिक्स

(ख) आयोन

(ग) पेरिइप्सुस

(घ) रिपब्लिक

(26)   पाश्चात्य काव्यशास्त्र में ‘मीमेसिस’ शब्द का प्रयोग किससे जुड़ा है

(क) विरेचन

(ख) महाकाव्य के तत्व

(ग) त्रासदी

(घ) अनुकरण

(27)   मनोवैज्ञानिक मूल्यवाद और संप्रेषण सिद्धांत मूलतः किस काव्यचिंतक से सम्बन्धित है

(क) आई. ए. रिचर्ड्स

(ख) टी.एस.इलियट

(ग) सिसरो

(घ) जान ड्राइडन

(28)   किस साहित्य पर क्षणवादी साहित्य, कुरूप साहित्य, कब्रिस्तान का साहित्य आदि आरोप हुए

(क) अस्तित्ववादी साहित्य

(ख) मार्क्सवादी साहित्य

(ग) स्वच्छंदतावादी साहित्य

(घ) मनोविश्लेषवादी साहित्य

(29)   किस वाद को द्वंद्वात्मक भौतिकवाद या वैज्ञानिक भौतिकवाद भी कहा जाता है

(क) अस्तित्ववाद

(ख) अभिजात्यवाद

(ग) स्वच्छंदतावाद

(घ) मार्क्सवाद

(30)   स्वच्छंदतावाद(रोमांटिसिज्म) शब्द का प्रयोग सबसे पहले किस आलोचक ने किया

(क) श्लेगल

(ख) वर्डसवर्थ

(ग) कॉलरिज

(घ) रूसो

(31)   पाश्चात्य काव्यशास्त्र की परंपरा का प्रारंभ होता है -

(क) इंग्लैंड से

(ख) एथेंस से

(ग) यूनान से

(घ) जर्मनी से

(32)    एक गोबर से भरी हुई टोकरी भी सुन्दर कही जा सकती है यदि वह अपना कोई उपयोग रखती हो, अन्यथा एक स्वर्णजड़ित चमचमाती हुई ढाल भी असुन्दर है यदि वह उपयोग की दृष्टि से महत्वहीन हो। - किसका विचार है

(क) अरस्तू

(ख) मैथ्यू आर्नल्ड

(ग) ड्राइडन

(घ) प्लेटो

 

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उत्तर –

 

           1. (ग) 2. (क) 3. (ख) 4. (क) 5. (क) 

           6. (घ) 7. (घ) 8. (ख) 9. (घ) 10. (क) 

           11. (घ) 12. (ग) 13. (घ) 14. (क) 

           15. (क) 16. (क) 17. (क) 18. (ग) 

           19. (क) 20. (ख) 21. (क) 22. (घ) 23. (घ) 

           24. (घ)  25. (ग) 26. (घ) 27. (क) 28. (क) 

           29. (घ) 30. (क) 31. (ग) 32. (घ)

 


डॉ. हसमुख परमार
एसोसिएट प्रोफ़ेसर
स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग
सरदार पटेल विश्वविद्यालय, वल्लभ विद्यानगर
जिला- आणंद (गुजरात) – 388120

 


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