गीत
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(पुनीत राजकुमार की याद में....)
अनिल वडगेरि
भीगीं
आँखों की ज़ुबानी
सुन
ली दर्द की दास्ताँ ।
तेरी
ममता की कहानी
जलते
दीप के राग सा ।
भीगीं
आँखों की ज़ुबानी
सुन
ली दर्द की दास्ताँ ।
आग
दिल में जल रही है
हाल
दिल का क्या कहूँ ।
आज
खुशियाँ बुझ रही हैं
रोये
बिन कैसे रहूँ ।
कैसे
दर्द ये मैं सहूँ
तारे
सारे गिर रहे हैं
चाँद
अभी खामोश है ।
बहतीं
नदियाँ रुक गयी हैं
प्यास
में सागर भी है ।
कैसे
दर्द ये मैं सहूँ।
अब
सबेरा कैसे होगा
खोया
सूरज रात में ।
बादलों
की काली छाया
सारा
आलम बेचैन में ।
कैसे
दर्द ये मैं सहूँ
अनिल
वडगेरि
सरकारी
प्रौढ शाला बोलंतिमोगरु
पोस्ट
: विट्ला,
तालुक : बंट्वाल
जिला
: दक्षिण कन्नड – 574243
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