घर से मस्जिद है बहुत दूर,
चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए।
–
निदा फ़ाज़ली
जिसके भी भीतर पवित्रता
जीवित है शिशुता की,
उस अदोष नर के हाथों में
कोई मैल नहीं है।
–
दिनकर
बच्चों का न भूत होता है न भविष्य।
वे आज (वर्तमान) का आनन्द लूटते हैं
जो हममें से बहुत कम लोग करते हैं।
–
लॉ ब्रुयार
इन्कार से भरी हुई एक चीख
और
एक समझदार चुप
दोनों का मतलब एक है –
भविष्य गढ़ने में ‘चुप’ और ‘चीख’
अपनी-अपनी जगह एक ही किस्म से
अपना-अपना फर्ज अदा करते हैं ।
–
धूमिल
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