शुक्रवार, 28 मई 2021

कविता

 


खुशीपुर का सफ़र  


पासपोर्ट, वीज़ा, टिकट

सब जारी है....

सफर की पूरी

तैयारी है....।

 

छोटा भाई

पेटी बाँध,

अदब से बोले-

आई सफर-इंग,

टू खुशीपुर।

 

मोटा भाई क्यों पीछे रहते

डबल अदब से

बगल से बोले-

ई सफरिंग इन होल वर्ल्ड,

एन्ड इन खुशीपुर।

 

सारी सच्चाई हुई बखान

सभी सफर में,

सभी सफरिंग....

मन्ज़िल सबकी

एक खुशीपुर,

जेब में सबके

पते हज़ार...!

 

हाय! री किस्मत!

खुशी पुकारे-

मुझको ढूँढें

गली बाज़ार,

मैं घर पर बैठी

देखूँ बाट...!!



 प्रीति अग्रवाल

कैनेडा

8 टिप्‍पणियां:

  1. एक और सुंदर अंक। आदरणीया पूर्वा जी को बहुत बहुत बधाई!
    मेरी कविता को स्थान देने के लिए धन्यवाद!

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  2. सुंदर,सहज रोचक बाल कविता।प्रीति जी को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  3. 'खुशीपुर का सफ़र' सुन्दर कविता...🙂🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर कविता प्रीति जी... हार्दिक बधाई आपको।

    जवाब देंहटाएं
  5. प्रीति अति सुंदर बाल कविता रची है आपने बधाई हो।

    जवाब देंहटाएं

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