नारी
को अबला कहना उसका अपमान करना है । – महात्मा गाँधी
यदि
कहीं कठोर अत्याचार और दुर्व्यवहार के बदले में भी स्नेह और प्रेम हो सकता है, तो
वह स्त्रियों में हो सकता है । – शरतचंद्र
मैं किसी समुदाय की प्रगति उस समुदाय में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति से मापता हूँ
। – बाबासाहब आंबेडकर
हम
प्राचीन भारत की नारियों को आदर्श मानकर ही नारी का उत्थान और सशक्तिकरण कर सकते
हैं । – स्वामी विवेकानंद
भागे
न क्यों हमसे भला, फिर दूर सारी सिद्धियाँ ।
पाती
स्त्रियाँ आदर जहाँ, रहती वहीं सब सिद्धियाँ ।। – मैथिलीशरण गुप्त
सुमन
मूक सौन्दर्य और नारियाँ सवाक सुमन है । – दिनकर
स्त्री
पृथ्वी की भाँति धैर्यवान है, शांति संपन्न है, सहिष्णु है । – प्रेमचंद
🙏👌👌
जवाब देंहटाएंThank you...☺
सुन्दर
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