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सादा शब्द के विविध
प्रयोग
सादा
जीवन -
बिना
किसी शान-शौकत का जीवन, ऐसा
जीवन जिसमें कोई दिखावा न हो, पारदर्शी
जीवन, बहुत अधिक सुख
सुविधा से रहित जीवन, दंभ
रहित जीवन।
(सीधा)
सादा आदमी -
छल
कपट रहित सरल आदमी, भरोसे
का आदमी, जिसके जीवन में
किसी प्रकार का दिखावा न हो, ऐसा
आदमी।
सादा
भोजन। -
बहुत
अधिक तेल-मसाला से रहित भोजन, पौष्टिक
भोजन।
सादा
कागज -
ऐसा
कागज जिस पर कुछ लिखा गया न हो। कोरा कागज।
सादी
बात -
ऐसी
बात जो सरलता से समझ में आ जाए, ऐसी
बात जो छल-कपट रहित हो, हितकर
बात।
सादा
कपड़ा -
ऐसा कपड़ा जो भड़कीला न हो, हल्के रंगों वाला कपड़ा।
***
2.
त्यौहार,
उत्सव तथा पर्व में अंतर क्या है?
ये
तीनों ऐसे शब्द हैं, जिनमें
मूलभूत अतर नहीं है। ये तीनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग नहीं हैं।
ये
तीनों जीवन में प्रसन्नता व्यक्त करने वाले अवसरों से जुड़े हैं।
जो
अंतर है, वह इनके प्रयोग के
संदर्भ का अंतर है।
पहले
उत्सव को लेते हैं।
सामूहिक
या सार्वजनिक तौर पर आयोजित होने वाले वे सभी कार्यक्रम 'उत्सव'
कहलाते
हैं, जो हमारे जीवन में हर्ष और
उल्लास का संचार करते हैं।
उत्सव
शब्द का अर्थ-क्षेत्र बहुत व्यापक है। उत्सव धार्मिक भी हो सकता है,
सामाजिक
भी हो सकता है, निजी या व्यक्तिगत
भी हो सकता है।
कृष्ण
जन्मोत्सव (धार्मिक), पुत्र
जन्मोत्सव (निजी), विवाहोत्सव,
तिलकोत्सव,
वसंतोत्सव,
मदनोत्सव
आदि अनेक प्रकार के उत्सव हो सकते हैं।
हम
अपने जीवन की किसी भी सुखद घटना को उत्सव का रूप दे सकते हैं।
त्यौहार/त्योहार
(तिथि+वार) सामान्यत: धार्मिक ही होते हैं,
जिनका
समय पंचांग के अनुसार तय होता है और जो शास्त्रीय विधि-विधान से मनाए जाते हैं।
होली
का त्यौहार, दीपावली का त्यौहार,
जन्माष्टमी
का त्यौहार, रामनवमी का त्यौहार
आदि।
पर्व
थोड़ा सीमित विषय है। बहुत कम अवसर पर्व के अंतर्गत आते हैं। परंतु पर्व का आयोजन बहुत
व्यापक पैमाने पर होता है।
सामान्यतः
यह धार्मिक ही होता है। इसमें ग्रह-नक्षत्रों की गति और स्थिति का विशेष महत्त्व होता
है। इनका संबंध प्रमुख धार्मिक स्थलों तथा तीर्थ-स्थलों से अधिक होता है। इसमें स्नान-ध्यान,
दान-पुण्य
का अधिक महत्त्व होता है।
जैसे
- कुंभ एक पर्व है।
संक्रांति
का पर्व।
कुंभ
त्यौहार नहीं है। कुंभ कोई उत्सव भी नहीं है। कुंभ एक पर्व है।
परंतु
इनके अलावा आधुनिक समय में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस को भी राष्ट्रीय पर्व
कहा जाता है।
संभवतः
इनके महत्त्व को दर्शाने के लिए।
40, साईंपार्क सोसाइटी, वड़ताल रोड
बाकरोल-388315,
आणंद (गुजरात)
ज्ञानवर्धक।
जवाब देंहटाएं"साकारात्मक को कितनी विशीष्टता से बताया है.प्रशंसनीय
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