शनिवार, 30 नवंबर 2024

कविता

 


गुणकारी फल

डॉ. राजकुमार शांडिल्य

           

'सहज पके सो मीठा होए' उक्ति गई बदल

अब तो रसायनों से ही पकाए जाते हैं फल।

फूलों का रूप और माधुर्य, ले आता उल्लास

परहित प्रकृति से लेते, ऊर्जा व मिठास।

जब उर्वरा भूमि सींचता,चलाता है हल

कृषक के दृढ़ श्रम से ही,मिलते हैं फल।

गर्मी में हैं गुणकारी, स्वादिष्ट,शीतल ,फल

शरीर को बनाते हैं नीरोग और सबल।

जो नित्य सेवन करते, सेब और अनार

प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, नहीं हों बीमार।

बच्चे बूढ़े सब को प्रिय केला, संतरा, आम

शीत ऋतु में खजूर, अखरोट, बादाम।

नित्य ताजा फलों का रस ,होता है उपयोगी।

मौसम्बी,अनार सभी पिएँ, बच्चे-वृद्ध-रोगी।

सभी को है लाभकारी, सूखे मेवे का सेवन।

हृदय,मस्तिष्क सभी ,स्वस्थ रहें  आजीवन।

मधुर, सुपाच्य, बलवर्धक होते हैं फल।

हृष्ट-पुष्ट शरीर हो तभी जीवन सफल ।

 

डॉ. राजकुमार शांडिल्य

हिन्दी प्रवक्ता

एस. सी. ई. आर. टी. चंडीगढ़

#1017 सेक्टर 20-बी चण्डीगढ़ -160020

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