मैं भारत हूँ
डॉ.
अशोक गिरि
मैं भारत हूँ
मैं संस्कृति का परिचायक हूँ।
मैं सभ्यता का उन्नायक हूँ।।
मैं भारत हूँ।
मैं वीरों का नायक हूँ।
मैं शत्रुओं का संहारक हूँ।।
मैं भारत हूँ।
मैं निर्धनों का दायक हूँ।
मैं दुर्बलों का सहायक हूँ।।
मैं भारत हूँ।
मैं अनाथों का पालक हूँ।
मैं पीड़ितों का निर्णायक हूँ।।
मैं भारत हूँ।
मैं विश्व-संकट का निवारक हूँ।
मैं विश्व-शान्ति का प्रतिपादक हूँ।।
मैं भारत हूँ।
डॉ. अशोक गिरि
बी-36, बी.ई.एल. कॉलोनी,
कोटद्वार (उत्तराखण्ड)
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