संत सिरोमणि रविदास
गोपाल जी त्रिपाठी
जिसकी पद-रज अमर बिन्दु मीरा हिए,
जिसके जीवन से प्रेरित कबीरा हुए।
संत ऋतुओं में वह जैसे मधुमास है !
कौन है वह!
महासंत रविदास है
पा के पारस भी मन जिसका विचलित नहीं ,
कर्म की साधनारत इतर चित्त नहीं ।
दीन-हीनों को अर्पित हरेक साँस है ! कौन है वह
कर्म मृत -चर्म का मर्म सद्धर्म का,
पा के कंगन प्रफुल्लित जो सत्कर्म का !
जिसके कठउत में गंगा का संवास है ! कौन है वह
छू के मिट्टी वह सतलुज बहाया करे,
पा के कठउत में गंगा नहाया करे ।
संत-समुदाय में जो परम व्यास है ।
कौन है वह !
महासंत रविदास है !!
गोपाल जी त्रिपाठी
हिंदी प्रवक्ता कवि
और
साहित्यकार,सेंट जेवियर्स
स्कूल सलेमपुर ग्राम
पोस्ट-
नूनखार, देवरिया उ०प्र०
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