आसन्न भूतकाल
डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
हिन्दी में तीन काल हैं – वर्तमान काल, भूतकाल तथा भविष्यत् काल।
यहाँ मैं भविष्यत् काल की बात नहीं करूँगा। सिर्फ वर्तमान काल तथा भूतकाल की
बात करूँगा।
वर्तमान काल तथा भूतकाल की पहचान क्या है?
सत्ताबोधक या अस्तित्वबोधक ‘होना’ क्रिया के है, हैं, हूँ,
हो रूप वर्तमान काल की पहचान हैं तथा था,
थे, थी,
थीं रूप भूतकाल की पहचान हैं।
जिस वाक्य के अंत में है हैं हूँ हो में से कोई क्रिया हो,
तो समझिए वह वाक्य वर्तमान काल का है।
ऐसे ही, जिस
वाक्य के अंत में था थे थी थीं में से कोई क्रिया हो,
तो समझिए वह वाक्य भूतकाल का है।
अब इनके उपभेद की बात करते हैं।
मुख्य क्रिया के अंत में ता ते ती में से कोई प्रत्यय लगा हो तो ऐसे क्रियारूप
क्रिया की अपूर्णता का बोध कराते हैं – पढ़ता लिखता देखता सुनता
मुख्य क्रिया के अंत में ता ते ती में से कोई प्रत्यय लगा हो और सहायक क्रिया
के रूप में है हैं हूँ हो में से कोई हो तो उसे ‘अपूर्ण वर्तमान काल’ कहेंगे -
पढ़ता है/पढ़ते हैं/पढ़ते हो/पढ़ता हूँ/पढ़ती है/पढ़ती हो/पढ़ती हैं।
मुख्य क्रिया के अंत में ता ते ती में से कोई प्रत्यय लगा हो और सहायक क्रिया
के रूप में था थे थी थीं में से कोई हो तो उसे ‘अपूर्ण भूतकाल’ कहेंगे –
पढ़ता था/पढ़ते थे /पढ़ती थी/पढ़ती थीं।
मुख्य क्रिया की धातु के साथ ‘रहा रही रहे’ में से कोई एक लगा हो तथा सहायक
क्रिया के रूप में है हैं हूँ हो में से कोई हो, तो उसे ‘सातत्य वर्तमान काल’ कहेंगे –
पढ़ रहा है/पढ़ रहे हैं/पढ़ रही है/पढ़ रहे हो।
मुख्य क्रिया की धातु के साथ ‘रहा रही रहे’ में से कोई एक लगा हो तथा सहायक
क्रिया के रूप में है था थे थी थीं में से कोई हो, तो उसे ‘सातत्य भूतकाल’ कहेंगे –
पढ़ रहा था/पढ़ रहे थे/पढ़ रही थी/पढ़ रहा थीं।
मुख्य क्रिया के अंत में आ ए ई में से कोई प्रत्यय लगा हो और सहायक क्रिया के
रूप में है हैं हूँ हो में से कोई हो तो उसे ‘पूर्ण वर्तमान काल’ कहेंगे -
मैंने उपन्यास पढ़ा है/ मैंने दो उपन्यास पढ़े हैं / मैंने कहानी पढ़ी है/
मैंने दो कहानियाँ पढ़ी हैं /
मुख्य क्रिया के अंत में आ ए ई में से कोई प्रत्यय लगा हो और सहायक क्रिया के
रूप में था थे थी थीं में से कोई हो तो उसे ‘पूर्ण भूतकाल’ कहेंगे -
मैंने उपन्यास पढ़ा था/ मैंने दो उपन्यास पढ़े थे/ मैंने कहानी पढ़ी थी/ मैंने
दो कहानियाँ पढ़ी थीं।
हिन्दी में एक ऐसा भी प्रयोग आता है, जिसमें है हैं, हूँ हो या था थे थी थीं में से कोई क्रिया नहीं होती। तब
प्रश्न उठता है कि ऐसे वाक्यों को वर्तमान काल में रखें या भूतकाल में?
मैंने कहा/उसने सुना/तुमने लिखा/उसने पढ़ा/हमने देखा।
ऐसे वाक्य किस काल के कहे जाएँगे? इनके साथ है हैं हूँ हो में से कोई लगा होता,
तो वर्तमान काल, था थे थी थीं में से कोई लगा होता तो भूतकाल।
परंतु कुछ न लगा हो तो क्या?
इसके लिए एक रास्ता निकाला गया है। ऐसे वाक्यों का नाम ‘आसन्न भूतकाल’ रखा
गया है।
डॉ. योगेन्द्रनाथ
मिश्र
40, साईंपार्क
सोसाइटी,
वड़ताल रोड
बाकरोल-388315,
आणंद (गुजरात)
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