गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024

सामयिक टिप्पणी

लखपति दीदी : नारी शक्ति की सुध 

डॉ. ऋषभदेव शर्मा

वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए पूरे ज़ोर और जोश के साथ कहा कि उद्यमशीलता, जीवन में सुगमता और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देकर वर्तमान सरकार ने पिछले दस वर्षों में महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। चुनाव वर्ष में बजट पेश करने का मौका सत्ताधारी दल/गठबंधन की उपलब्धियों को गिनवाने का भी मौका होता है। इसलिए उन्होंने यह याद दिलाना भी ज़रूरी समझा कि महिला उद्यमियों को मुद्रा योजना के अंतर्गत अब तक 30 करोड़ ऋण प्रदान किए गए हैं। पिछले 10 वर्षों में उच्च शिक्षा के लिए महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमैटिक्स) पाठ्यक्रमों में 43 प्रतिशत नामांकन बालिकाओं और महिलाओं का हुआ है, यह संख्या विश्व में सबसे अधिक है। यह सचमुच बड़ी उपलब्धि है। इस तरह के सभी उपाय कार्यक्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के रूप में प्रतिबिंबित हो रहे हैं। इसका अर्थ है कि मोदी सरकार गरीब, किसान, महिला और युवा के रूप में जिन चार जातियों के उत्थान के प्रति संकल्पित होने की बात करती है, उनमें से महिला जाति पर उसका खासा ज़ोर पहले से रहा है।

सरकार के इस दावे की भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि ‘तीन तलाक’ को गैर-कानूनी बनाने और लोक सभा एवं राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नाम पर या उन्हें संयुक्त मालिकों के रूप में 70 प्रतिशत से अधिक मकान उपलब्ध कराने के फलस्वरूप उनका आत्मसम्मान बढ़ा है।

वित्त मंत्री  ने उचित ही ध्यान दिलाया कि इन 4 जातियों  की ज़रूरतें, उनकी आकांक्षाएँ और उनका कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब ये जातियाँ उन्नति करती हैं तो देश की प्रगति होती है। इन चारों जातियों को अपना जीवनस्तर बेहतर बनाने के प्रयास में सरकारी मदद की दरकार है और इन्हें सरकार से सहायता मिल भी रही है। इन लोगों के सशक्तीकरण से और कल्याण से देश भी आगे बढ़ेगा। इसी प्रसंग में वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में महिलाओं के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई ‘लखपति दीदी योजना’ के बारे में बताया। उन्होंने ने कहा कि इस योजना के तहत महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है।  दरअसल, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएँ चला रही है। लखपति दीदी योजना भी उन्हीं में से एक है। वित्त मंत्री की मानें तो इस योजना ने 9 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया है, यानी इससे देश में महिलाओं की आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई है। याद रहे कि केंद्र सरकार की यह योजना महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए, उन्हें स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम देने के लिए और उन्हें  पैसा कमाने के योग्य बनाने के लिए समर्पित है। महिलाओं को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए इस योजना के माध्यम से दिशा दिखाई जाती है। बताया गया है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र के जरिये भी इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस योजना के तहत, महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। जैसे उन्हें प्लंबिंग, ड्रोन के संचालन, एलईडी बल्ब बनाना जैसे काम भी सिखाये जा रहे हैं ताकि वे अपना खुद का काम शुरू करके आत्मनिर्भर बन सकें।

अब तक एक करोड़ महिलाएँ लखपति दीदी बन चुकी हैं जो देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सयानों का मानना है कि यह संख्या यहीं नहीं रुकेगी, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के इस  अभियान का विस्तार आने वाले वर्षों में संक्रामक रूप में होना चाहिए।

अंततः यह कहना भी ज़रूरी है कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का हर अभियान तब तक अधूरा रहेगा,  जब तक समाज में लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव बना हुआ है। देशभर में आए दिन घर और बाहर यत्र-तत्र-सर्वत्र महिलाओं को जिस तरह की असुरक्षा, अश्लीलता और हिंसा का सामना करना पड़ता है, सरकार को वह सब भी तो दीखता-सुनता होगा न? …


प्रो. ऋषभदेव शर्मा

सेवा निवृत्त प्रोफ़ेसर

दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा

हैदराबाद

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