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अनिल वडगेरी
फिर से अपने धाम
मन का द्वार
आज खुला हुआ
अब आएँगे राम
मेरे दिल के राम।
सरयू तट पे फिर से आई बहार
सरयू तट पे फिर से आई बहार
तेरे आने से ही नाचे बादल
बरस रहे हैं फूल हजार
आए मेरे राम
मन का द्वार
आज खुला हुआ
अब आएँगे राम
मेरे दिल के राम।
सुन के कहानी तेरी
सुन के कहानी तेरी
हाँ कहानी तेरी
हाँ कहानी
करुण कहनी तेरी
देखे तुझको ही बच्चों में
ममता की लोरी सुनाई
कैसा ये बंधन है
तुझसे है पाई
कैसा ये बंधन है
तुझसे है पाई
आ जा मेरे राम लला
मैं तेरी राह में गुलाब डालूँ ।
आये मेरे राम
मन का द्वार
आज खुला हुआ
अब आएँगे राम
मेरे दिल के राम।
सरकारी प्रौढ शाला
बोलंतिमोगरु
पोस्ट : विट्ला,
तालुक : बंट्वाल
जिला : दक्षिण कन्नड
– 574243
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