शुक्रवार, 31 मार्च 2023

कविता

 

स्वप्न जरूरी है

कंचन अपराजिता

जिन्दगी का स्पंदन

महसूस करने के लिए

साँसों की मौजूदगी के

एहसास के लिए

आत्म सम्मान से जीवित रहने के

खुराक के लिए

एक सार्थक दृष्टिकोण

निर्माण के लिए

स्वप्न जरूरी है।

 

स्वप्न पलते आँखों में

कभी देखा है तुमने

एक जुनून ज़िंदगी का दिखेगा

एक रवानी खून में रहेगी

कुछ पसीने की बूँद पेशानी पर होगी

भविष्य वहीं से कहानी गढ़ेगी।

स्वप्न जरूरी है

 

नई मंजिल पाने के लिए

कारवाँ को मंजिल तक ले जाने के लिए

मील के पत्थर को जीवंतता दे जाने के लिए

कुछ मार्ग नवीन रच जाने के लिए

कृति की विजयपताका फहराने के लिए

स्वप्न जरूरी है

 

एक स्वप्न जब पूरा होगा

फिर नया सबेरा होगा

तुम्हें जगाने होंगे स्वप्न

किसी की आँखों में

किसी मासूम मन पर दस्तक दे

स्वप्न का महत्व सिखाना होगा

उसके कोमल मन में स्वप्न देखने का बीज

रोप जाना होगा

उसे उसकी सार्थकता

बार-बार बतानी होगी

स्वप्न जरूरी है

 

हाँ स्वप्न जरूरी है

स्वयं के उत्थान के लिए

एक नवनिर्माण के लिए

एक आख्यान के लिए

हौंसले भरी उड़ान के लिए

स्वप्न बेहद जरूरी है...

 


कंचन अपराजिता

चेन्नई

1 टिप्पणी:

अप्रैल 2024, अंक 46

  शब्द-सृष्टि अप्रैल 202 4, अंक 46 आपके समक्ष कुछ नयेपन के साथ... खण्ड -1 अंबेडकर जयंती के अवसर पर विशेष....... विचार बिंदु – डॉ. अंबेडक...