शनिवार, 26 नवंबर 2022

प्रासंगिक

 



फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार

श्रीमती संध्या दुबे 

हिन्दी सिनेमा की कुशल और बेहद सफल अभिनेत्री आशा पारेख ने अपने फ़िल्म कैरियर में एक से बढ़कर एक यादगार फिल्मों में बेजोड़ अभिनय कर एक इतिहास रचा है। रुमानी भूमिकाओं में बेजोड़ अभिनय करने वाली आशा पारेख पर चुलबुली नायिका वाली भूमिका खूब फबती थी, फिल्मों से जुड़े लोग उन्हें - "हिटगर्ल" के नाम से भी जानते हैं। जब प्यार किसी से होता है, तीसरी मंज़िल, लव इन टोक्यो, दो बदन, उपकार, कन्यादान, आन मिलो सजना, कटी पतंग, समाधि और मैं तुलसी तेरे आँगन की जैसी बेहद लोकप्रिय फिल्मों में नायिका की सफल भूमिका निभाने वाली आशा पारेख को हाल ही  में  भारतीय सिनेमा में उनके समग्र अवदान के लिए वर्ष  2020 का दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया है ।

भारत सरकार ने सैंतीस साल बाद किसी फ़िल्म अभिनेत्री को फाल्के सम्मान दिया है । पिछली बार वर्ष 1983 के लिए अभिनेत्री दुर्गा खोटे को यह सम्मान मिला था। विज्ञान भवन , दिल्ली में गत एक अक्टूबर को आयोजित अड़सठवें  राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में नवासी वर्षीय आशा पारेख को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आशा पारेख ने कहा कि वह अपने अस्सीवें जन्मदिन से एक दिन पहले यह पुरस्कार पाकर धन्य महसूस कर रही हैं। दादा साहेब फालके पुरस्कार प्राप्त करना बहुत बड़े सम्मान की बात है। भारत सरकार की ओर से मुझे मिला यह सबसे अच्छा सम्मान है। मैं जूरी को इस सम्मान के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ। भारतीय फिल्म जगत को एक बेहतरीन स्थान बताते हुए आपने कहा कि यह बात इसीसे साबित होती है कि साठ साल बाद भी मैं फिल्मी कैरियर  से जुड़ी हुई हूँ। उन्होंने यह भी  कहा कि हमारा फिल्म जगत सबसे अच्छी जगह है और मैं इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं को दृढ़ता, दृढ़ संकल्प, अनुशासन और जमीन से जुड़े रहने का सुझाव देना चाहती हूँ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर सिनेमा जगत की जानी-मानी हस्ती को बधाई देते हुए कहा कि आशा पारेख को दिया गया यह पुरस्कार "अदम्य नारी शक्ति " के लिए सम्मान है। उनकी पीढ़ी की हमारी बहनों ने कई बाधाओं के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई और वे उसी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करतीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को बधाई दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दादा साहेब फाल्के सम्मान आशा पारेख को प्रदान किए जाने पर कहा कि आशा पारेख ने कई महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया और जिन्होंने पाँच दशक तक न केवल भारतीय अपितु वैश्विक दर्शकों का भी मनोरंजन किया और भारतीय संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाया ।



वर्ष 1952 में आई फिल्म - "आसमान " से दस साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में आशा पारेख ने अपना फिल्मी कैरियर शुरू किया था और वह दो साल बाद बिमल रॉय की फिल्म - "बाप बेटी " से चर्चा में आई थीं। पारेख ने वर्ष 1959 में आई नासिर हुसैन की फिल्म " दिल देके देखो " में मुख्य किरदार निभाया था, जिसमें उन्होंने शम्मीकपूर के साथ अपने अभिनय की धाक जमाई और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। साठ और सत्तर के दशक में आशा पारेख की प्रसिद्धि उस दौर के लोकप्रिय अभिनेता राजेश खन्ना, राजेंद्र कुमार और मनोज कुमार के समकक्ष थी। अपने पाँच दशक लम्बे कैरियर में आपने पिन्च्यानवें से ज्यादा फिल्मों में काम किया जिनमें सार्वकालिक हिट फिल्में दिल देके देखो, कटी पतंग, तीसरी मंज़िल, बहारों के सपने और कारवाँ जैसी फिल्में शामिल हैं ।

आशा पारेख ने वर्ष 1990 के दशक के अन्त  में एक निर्देशक व निर्माता के तौर पर टीवी नाटक - "कोरा कागज" का निर्देशन भी  किया , जिसे काफी सराहा गया। आशा पारेख वर्ष 1998 से वर्ष 2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पहली महिला अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने अपनी आत्मकथा -"  द हिट गर्ल " प्रकाशित की, जिसका सह-लेखन फिल्म समीक्षक खालिद मोहम्मद ने किया था। आशा पारेख को वर्ष 1992 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार  पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है ।

वर्ष 1992 के पद्मश्री अवार्ड के अलावा आशा पारेख को गुजराती एसोसिएशन ऑफ़ उत्तर अमेरिका के पहले अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, वर्ष 1971 में फिल्म -" कटी पतंग" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर अवार्ड , भारतीय फ़िल्म उधोग में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय मोशन प्रोडूयसर एसोसिएशन द्वारा श्रेष्ठता पुरस्कार ,वर्ष 2004 में कलाकार अवार्ड का और वर्ष 2007 में पुणे अंतराष्ट्रीय फ़िल्म फेयर सामारोह में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

और फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा लाइफटाइम अवार्ड और फ़िल्म फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया द्वारा उनको फ़िल्मी सफ़र के लिए गोल्डन जुबली अवार्ड से सम्मानित किया गया ।

 



श्रीमती संध्या दुबे

भोपाल

3 टिप्‍पणियां:

  1. आशा पारेख पर सम्पूर्ण जानकारी और विश्लेषण पढ़ कर सुखद अनुभूति हुई,आभार संध्या जी का जो हमें आशा जी के जीवन की सारगर्भित जानकारी से अवगत कराया ।

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  2. सुंदर आलेख। बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

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