मंगलवार, 27 सितंबर 2022

प्रश्न शृंखला



4

हिन्दी आलोचना

(1) ‘नागरी प्रचारिणी’ पत्रिका में प्रकाशित ‘समालोचनादर्श’ शीर्षक लेख, जो कि अंग्रेजी साहित्यकार पोप के ‘ऐसे ऑन क्रिटिसिज्म’ का अनुवाद था, इसके लेखक-अनुवादक कौन थे

            (क) महावीर प्रसाद द्विवेदी

            (ख) गंगाप्रसाद अग्निहोत्री

            (ग) जगन्नाथदास रत्नाकर

            (घ) अम्बिकादत्त व्यास

(2) द्विवेदी युग के प्रसिद्ध आलोचकों में जिन मिश्रबन्धुओं का नाम लिया जाता है, उन मिश्रबन्धुओं के नामों को लेकर निम्न में से कौन-सा विकल्प सही है

(क)     श्री सत्यनारायण मिश्र-श्री दयानारायण मिश्र-कन्हैयालाल मिश्र

(ख)     श्री गणेश बिहारी मिश्र-श्री श्याम बिहारी मिश्र-श्री शुकदेव बिहारी मिश्र

(ग)   श्री रामनारायण मिश्र-श्री त्रिलोकसिंह मिश्र-श्री श्यामनारायण मिश्र

(घ)     श्री नवल बिहारी मिश्र-श्री जगत बिहारी मिश्र-श्री कुंजबिहारी मिश्र

(3)  मिश्रबन्धुओं प्रणीत समालोचनात्मक ग्रंथ है -

(क)     हिन्दी नवरत्न

(ख)     बिहारी और देव

(ग)     साहित्यालोचन

(घ)     विश्वसाहित्य

(4)  हिन्दी में तुलनात्मक आलोचना का वास्तविक सूत्रपात्र किसने किया

(क)     गंगाप्रसाद अग्निहोत्री

(ख)     अम्बिकादत्त व्यास

(ग)     महावीर प्रसाद द्विवेदी

(घ)     पद्मसिंह शर्मा

(5)  हिन्दी की स्वच्छंदतावादी समीक्षा के पहले सशक्त समीक्षक के रूप में निम्न में से कौन-सा नाम विशेष उल्लेखनीय है

(क)     पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी

(ख)     आचार्य नंददुलारे वाजपेयी

(ग)     डॉ. नगेन्द्र

(घ)     बाबू गुलाबराय

(6)  निम्न में से किस आलोचक का व्यक्तित्व विशेष रूप से रचनाधर्मी भी रहा है

(क)     डॉ. नगेन्द्र

(ख)     आ. नंददुलारे वाजपेयी

(ग)     पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी

(घ)     शिवदानसिंह चौहान

(7)  निम्न में से किस समीक्षक की समीक्षा के केन्द्र में मुख्यतः हिन्दी का आदिकाल तथा मध्यकाल रहा है

(क)     शिवदान सिंह चौहान

(ख)     डॉ. नगेन्द्र

(ग)     रामविलास शर्मा

(घ)     पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी

(8)  डॉ. रामविलास शर्मा, शिवदानसिंह चौहान और प्रकाशचंद्र गुप्त के नाम किस समीक्षा-प्रवृत्ति से जुड़े हैं

(क)     प्रगतिवादी

(ख)     स्वच्छंदतावादी

(ग)    मनोविश्लेषणात्मक

(घ)     नयी समीक्षा

(9)  ‘हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष’ आलोचनात्मक कृति के लेखक कौन है

(क)     आ. रामचंद्र शुक्ल

(ख)     शिवदानसिंह चौहान

(ग)     पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी

(घ)     आ. नंददुलारे वाजपेयी

(10)         मार्क्सवादी दृष्टिकोण से सौन्दर्यशास्त्र पर विचार करने वाले समीक्षक है-

(क)     डॉ. नगेन्द्र

(ख)     प्रकाशचंद्र गुप्त

(ग)     डॉ. रमेशकुंतल मेघ

(घ)     नामवर सिंह

(11)          ‘‘मनुष्य लोकबद्ध प्राणी है। उसका अपनी सत्ता का ज्ञान तक लोकबद्ध है। लोक के भीतर ही कविता क्या, किसी भी कला का प्रयोजन और विकास होता है।’’ - किसकी मान्यता है

(क)     आ. रामचंद्र शुक्ल

(ख)     गुलाबराय

(ग)     श्यामसुन्दर दास

(घ)     डॉ. रामविलास शर्मा

(12)          पं. हजारी प्रसाद द्विवेदी की आलोचना में निम्न में से कौन-सी पद्धति दिखाई देती है

(क)     शास्त्रीय

(ख)     सैद्धांतिक

(ग)     मनोविश्लेषणात्मक

(घ)     ऐतिहासिक-सांस्कृतिक

(13)          मनोवैज्ञानिक आलोचना पद्धति के समीक्षक है-

(क)     पद्मसिंह शर्मा

(ख)     डॉ. देवराज

(ग)    शांतिप्रिय द्विवेदी

(घ)     डॉ. शिवकुमार मिश्र

(14)          ‘द्वंन्द्वात्मक भौतिकवाद’ और ‘ऐतिहासिक भौतिकवाद’ जैसे दार्शनिक सिद्धांतों को आधार बनाकर विकसित होने वाली आलोचना....

(क)     मार्क्सवादी आलोचना

(ख)     रूपवादी आलोचना

(ग)     तुलनात्मक आलोचना

(घ)     मनोविश्लेषणात्मक आलोचना

(15)          आ. रामचंद्र शुक्ल का कौन-सा ग्रंथ मूलतः सैद्धांतिक आलोचना का ग्रंथ है

(क)     जायसी ग्रंथावली की भूमिका

(ख)     भ्रमरगीत सार की भूमिका

(ग)     रस मीमांसा

(घ)     हिन्दी साहित्य का इतिहास

(16)          सुमित्रानंदन पंत के किस काव्यसंग्रह की भूमिका को ‘छायावाद का घोषणापत्र’ भी कहा जाता है

(क)     पल्लव

(ख)     रश्मिबंध

(ग)     युगांत

(घ)     ग्राम्या

(17)          साहित्यिकी, संचारिणी, सामयिकी, वृत्त और विकास नामक आलोचनात्मक निबंधों के लेखक कौन है

(क)     विश्वनाथ प्रसाद मिश्र

(ख)     शांतिप्रिय द्विवेदी

(ग)     सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(घ)     महादेवी वर्मा

(18)          आ. रामचंद्र शुक्ल का कौन-सा ग्रंथ हिन्दी शब्द सागर की भूमिका के रूप में लिखा गया

(क)     रस मीमांसा

(ख)     चिंतामणि

(ग)    हिन्दी साहित्य का इतिहास

(घ)     जायसी ग्रंथावली की भूमिका

(19)          ‘‘मानव अथवा प्रकृति के सूक्ष्म किंतु व्यक्त सौन्दर्य में आध्यात्मिक छाया का भान, मेरे विचार से छायावाद की एक सर्वमान्य व्याख्या हो सकती है।’’ किसका मत हैं

(क)     शांतिप्रिय द्विवेदी

(ख)     नंददुलारे वाजपेयी

(ग)     महादेवी वर्मा

(घ)     सुमित्रानंद पंत

(20)          डॉ. नगेन्द्र की पहली आलोचनात्मक पुस्तक है -

(क)     सुमित्रानंद पंत

(ख)     साकेत एक अध्ययन

(ग)     आधुनिक हिन्दी कविता की प्रवृत्तियाँ

(घ)     कामायनी के अध्ययन की समस्याएँ

(21)          प्रगतिवादी आलोचना के आलोचक नहीं है -

(क)     प्रकाशचन्द्र गुप्त

(ख)     रामविलास शर्मा

(ग)     डॉ. नगेन्द्र

(घ)     शिवदानसिंह चौहान

(22)          ‘छायावाद’ पुस्तक के लेखक कौन है

(क)     नंददुलारे वाजपेयी

(ख)     डॉ. नगेन्द्र

(ग)    शांतिप्रिय द्विवेदी

(घ)     नामवर सिंह

(23)          नयी कविता में विशेष रूप से ‘अर्थ की लय’ की बात को कौन कहते है

(क)     जगदीश गुप्त

(ख)     लक्ष्मीकांत वर्मा

(ग)     अज्ञेय

(घ)     विजयदेव नारायण साही

(24)          किस आलोचक की आलोचना का बीज शब्द ‘लोकधर्म’ या ‘लोकमंगल’ है -

(क)     रामविलास शर्मा

(ख)     विजयदेवनारायण साही

(ग)     हजारीप्रसाद द्विवेदी

(घ)     रामचंद्र शुक्ल

(25)          नामवर सिंह की पुस्तक है -

(क)          आलोचना और काव्य

(ख)         आधुनिक कविता का मूल्यांकन

(ग)      दूसरी परंपरा की खोज

(घ)          महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण

(26)         ‘प्रयोगवाद’ शब्द का प्रयोग सबसे पहले किस आलोचक ने अपने एक निबंध ‘प्रयोगवादी रचनाएँ’ में किया

(क)          नंददुलारे वाजपेयी

(ख)         मुक्तिबोध

(ग)     अज्ञेय

(घ)          जगदीश गुप्त

(27)         कालक्रम के अनुसार डॉ. शिवकुमार मिश्र की आलोचनात्मक कृतियों का कौन-सा विकल्प सही है

                (क)    प्रेमचंद विरासत का सवाल-यथार्थवाद-नया हिन्दी काव्य-मार्क्सवादी साहित्य चिन्तनः  इतिहास तथा सिद्धांत

   (ख)   नया हिन्दी काव्य-मार्क्सवादी साहित्य चिन्तनः इतिहास तथा सिद्धांत-यथार्थवाद-प्रेमचंद विरासत का सवाल

   (ग)    यथार्थवाद-नया हिन्दी काव्य-प्रेमचंद विरासत का सवाल-मार्क्सवादी साहित्य चिन्तनः इतिहास तथा सिद्धांत

  (घ)    मार्क्सवादी साहित्य चिन्तनः इतिहास तथा सिद्धांत-प्रेमचंद विरासत का सवाल-नया हिन्दी काव्य-यथार्थवाद

(28)          डॉ. पुरुषोत्तम अग्रवाल निम्न में से किस काव्य के विशेष अध्येता है

(क)     बिहारी काव्य

(ख)     तुलसी काव्य

(ग)    कबीर काव्य

(घ)     सूरकाव्य

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उत्तर –

1. (ग) 2. (ख)  3. (क) 4. (घ) 5. (ख) 6. (ग) 7. (घ) 8. (क) 9. (ख)

10. (ग) 11. (क) 12. (घ) 13. (ख) 14. (क) 15. (ग) 16. (क)

17. (ख) 18. (ग) 19. (ख) 20. (क)   21. (ग) 22. (घ) 23. (क)

24. (घ)  25. (ग) 26. (क) 27. (ख) 28. (ग)

 

 


1 टिप्पणी:

  1. विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी। बधाई

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