मेघ
मल्हार
इन्द्रकुमार दीक्षित
1
चढ़े
असाढ़
गिरल
लवन्नर
जोतऽ
बियाड़ ।
2
बाड़ऽ कसाई
सानी
ना पानी,कब
हर नधाई! ।
3
दुब्बर
भाई!
जरे
बियाड़,
कैसे
धान रोपाई ।
4
जरेला
चाम
सहि ना जाला अब
अतना
घाम ।
5
देवी-
देवता
सब
केहू आ जाई
खाए
नेवता ।
6
बादर
भाई!
तोहरे
बिनु पानी
के
बरसाई ।
7
मेघ
मल्हार
सब
कर लालसा
पुरव यार ।
8
बादर
भाई!
बे-
पानी,
क गावत
बाड़ऽ बधाई ।
9
हे
डीह बाबा!
चलऽ
सहर धरऽ
गाँव में का बा? ।
इन्द्रकुमार
दीक्षित
देवरिया
भोजपुरी एक मीठी भाषा है । इस भाषा में बरसात के सुन्दर हाइकु । इन्द्र कुमार दीक्षित जी को बधाई ।
जवाब देंहटाएंविभा रश्मि