शुक्रवार, 10 जून 2022

विचार स्तवक

 


खुदा का शुक्र है कि इंसान उड़ नहीं सकते, वरना आसमान और धरती दोनों को ही बर्बाद कर देते ।

– हेनरी डेविड थॉरो

पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं ।

– महात्मा गाँधी

हवा और पानी, जंगल और जानवर को बचाने वाली योजनाएँ दरअसल इंसान को बचाने की योजनाएँ हैं।

– स्टीवर्ड उडैल



जो पुरुष अपने कर्मफल के प्रति अनासक्त है और अपने कर्तव्य का पालन करता है, वहीं संन्यासी और वास्तविक योगी है।  

– गीता

जीवन के हर क्षेत्र में, एक नए स्तर के संतुलन और क्षमता को प्राप्त करना योग है।

– सद्गुरु जग्गी वासुदेव

समस्त जीवन ही योग है।

– श्री अरविन्द

जिन-जिन साधनों से आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का उपाय होता है, उन सब साधनों को योग कह सकते हैं।

श्री यशोविजयकृता द्वात्रिंशिका 10/1

 


विचार कर्म का बीज है।

                     एमर्सन

जहाँ परिश्रम थक जाता है, बुद्धि काम नहीं करती, वहीं से भाग्य शुरू होता है।

                   ओशो रजनीश

बातचीत में जैसे मौन भी बोलता है, वैसे ही भाषा में शब्दों का अभाव भी बोलता है।

                जैनेन्द्रकुमार

 

 

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