शनिवार, 27 मार्च 2021

गीत

 


होली में हुदं

 

आओ हिलमिल संग

लगाएँ रंग रँगाएँ अंग

रंगीले होकर मस्त मलंग

मचाएँ होली में हुड़दंग,

थोड़ी पीकर भंग

बजाएँ चंग जमाएँ रंग

सुनाएँ जग के प्रेम प्रसंग

मचाएँ होली में हुड़दंग।

 

संगी साथी खेले होली

बना-बना कर टोली

देवर-भाभी, जीजा-साली

हँस- हँसकर करें ठिठोली,

 

होS डाले पत्नी रंग में भंग

चूनर पचरंग तेवर सतरंग

छिड़ी रे नेह प्यार में जंग

मचाएँ होली में हुड़दंग।

आओ हिलमिल संग....

 

हँसते गाते रँगे-रँगाते

आँगन-गली अहाते

रिश्ते-नाते ढोल बजाते

चटपटे बोल सुनाते....

 

नाचे समधी समधन संग

अजब है ढंग रह गए दंग

उड़ी रे दिल की उमंग पतंग

मचाएँ होली में हुड़दंग।

आओ हिलमिल संग...

 

एक सभी हम एक हैं

अपना देश-भेष और बोली,

आओ मिलकर आज जला दें

हम नफरत की होली,

 

बहाएँ स्नेह प्रेम की गंग

उड़ाएँ रंग खिले नवरंग

रहें ना इन रंगों में बैरंग

मचाएँ होली में हुड़दंग

 

आओ हिलमिल संग

लगाएँ रंग रँगाएँ अंग

रंगीले होकर मस्त मलंग

मचाएँ होली में हुड़दंग,

थोड़ी पीकर भंग

बजाएँ चंग जमाएँ रंग

सुनाएँ जग के प्रेम प्रसंग

मचाएँ होली में हुड़दंग॥

पुरुषोत्तम कड़ेल

हैदराबाद

तेलंगाना

3 टिप्‍पणियां:

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