मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025

विशेष

अखाड़ों का संक्षिप्त विवरण

सुरेश चौधरी

आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए चार मठों, चार धामों , 12 ज्योर्तिलिंग के साथ-साथ विभिन्न अखाड़ों की भी स्थापना की थी। इन अखाड़ों का उद्देश्य वैदिक परंपराओं की रक्षा, संतों का संगठन, और धर्म के प्रति समर्पण को बढ़ावा देना था।

आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित इन अखाड़ों ने सनातन धर्म को सुदृढ़ और संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आदि शंकराचार्य ने कई अखाड़ों की स्थापना की थी, जिनमें से प्रमुख हैं –

-श्री शंभू पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा

-पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी

-पंच अटल अखाड़ा

-पंचायती अखाड़ा निरंजनी

-तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती

-पंचदशनाम जूना अखाड़ा

 ये अखाड़े संन्यासियों और साधुओं के संगठन हैं, जो सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।

भारत में 13 प्रमुख अखाड़े हैं, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व एक या एक से अधिक आचार्य महामंडलेश्वर करते हैं। ये आचार्य महामंडलेश्वर संबंधित अखाड़ों के धार्मिक, सामाजिक और प्रशासनिक कार्यों का संचालन करते हैं।

1. श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी

यह सबसे प्राचीन अखाड़ों में से एक है।

-इसमें मुख्य रूप से दशनामी संन्यासी आते हैं।

-वर्तमान पीठाधीश्वर: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज।

2. श्रीपंच दिगंबर अणि अखाड़ा

-यह अखाड़ा वैदिक धर्म और सनातन परंपराओं का प्रचार-प्रसार करता है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी पुरुषोत्तम भारती महाराज।

3. श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा

-यह अखाड़ा दशनामी परंपरा का पालन करता है और गंगा तट पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करता है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी विशोकानंद गिरि महाराज।

4. श्रीपंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा

-इसे उदासीन परंपरा का हिस्सा माना जाता है, जिसमें गुरु नानक देव के अनुयायी संत भी शामिल होते हैं।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी प्रकाशानंद महाराज।

5. श्रीपंचायती अटल अखाड़ा

-इसका मुख्य उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखना है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी रामेश्वरानंद गिरि महाराज।

6. श्रीपंचायती अग्नि अखाड़ा

-यह अग्नि की पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी शिवानंद गिरि महाराज।

7. श्रीपंचायती जूना अखाड़ा

-यह सबसे बड़ा और प्रमुख अखाड़ा है।

-इसमें नागा संन्यासियों की संख्या अधिक है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज।

8. श्रीपंचायती आवाहन अखाड़ा

-यह दशनामी संन्यासियों का अखाड़ा है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी वामदेवानंद सरस्वती महाराज।

9. श्रीपंचायती निर्मोही अखाड़ा

-इसका संबंध राम भक्तों और वैष्णव परंपरा से है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी राजेंद्र दास महाराज।

10. श्रीपंचायती निर्मल अखाड़ा

-इसमें सिख संत भी शामिल होते हैं और यह शुद्ध वैदिक परंपरा का पालन करता है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी हरिचेतन साक्षी महाराज।

11. श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा

-यह साधु-संतों के धार्मिक मार्गदर्शन का केंद्र है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी रामकृष्णानंद महाराज।

12. आनंद अखाड़ा

-यह अखाड़ा संन्यासियों के संगठन के लिए बनाया गया था।

-वर्तमान पीठाधीश्वर: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज।

13. श्रीपंचायती तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा

-यह तपस्वियों और ध्यान योगियों का प्रमुख अखाड़ा है।

-वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर: स्वामी अच्युतानंद महाराज।

 

अखाड़ों की भूमिका

धार्मिक संरक्षण: वैदिक परंपराओं और सनातन धर्म की रक्षा।

सैन्य संगठन: मध्यकाल में धर्म की रक्षा के लिए योद्धा संन्यासियों का संगठन।

आध्यात्मिक मार्गदर्शन: समाज को धर्म और अध्यात्म की शिक्षा देना।

आदि शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत के दर्शन को प्रचारित करने और सनातन धर्म को बढ़ावा देने के लिए चार मठों की भी स्थापना की थी. ये मठ हैं: ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम, श्रृंगेरी पीठ, द्वारिका शारदा पीठ, पुरी गोवर्धन पीठ.

आदि शंकराचार्य ने स्थापित अखाड़ों और मठों के बारे में ज़्यादा जानकारीः

-श्री शंभू पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर है.

इस अखाड़े को पहले 'आवाहन सरकार' के नाम से जाना जाता था.

इस अखाड़े का मकसद सनातन धर्म की रक्षा करना और लोगों को धार्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है.

इन मठों पर आसीन संन्यासियों को 'शंकराचार्य' कहा जाता है.

कृपया ध्यान दें कि समय के साथ इन पदों पर नियुक्तियों में परिवर्तन हो सकता है। अतः नवीनतम जानकारी के लिए संबंधित अखाड़ों की आधिकारिक घोषणाओं या विश्वसनीय स्रोतों की पुष्टि करना उचित होगा।



सुरेश चौधरी

एकता हिबिसकस

56 क्रिस्टोफर रोड

कोलकाता 700046

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