गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024

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रामायण में सामरिक संस्कृति को पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार

रामायण में सामरिक संस्कृति' पुस्तक के लेखक सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी (ललितपुर, उत्तर प्रदेश) डॉ. अनूप कुमार गुप्ता को उत्तर प्रदेश शासन की योजना के तहत राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उप्र द्वारा आयोजित वार्षिक पुरस्कार सम्मान समारोह 2023-24 में 'दीर्घकालीन साहित्य सेवा' के लिए पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार समारोह 3 मार्च को लखनऊ स्थित मालवीय सभागार में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा व महामंत्री डॉ. सीमा गुप्ता ने संयुक्त रूप से दी।

के एम मुंशी भारत विद्या केंद्र भारतीय विद्या भवन (दिल्ली) की डीन डॉ. शशिबाला ने इस पुस्तक के बारे में लिखा है कि रामायण में युद्ध-नीति पर दो विरोधाभासी पक्ष स्पष्ट परिलक्षित होते हैं - एक आक्रामक एवं निरंकुश तथा दूसरा धर्माधारित एवं मर्यादित। इस पुस्तक से यही निष्कर्ष निकलता है कि जब कभी भी धर्म की रक्षा का प्रश्न आया तो राम ने युद्ध के मार्ग का अवलंबन किया, परंतु कभी भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया।

पुरस्कृत लेखक डॉ. अनूप कुमार गुप्ता मूल रूप से उरई स्थित विजय नगर निवासी हैं और ललितपुर के जिला लेखा परीक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उरई के सनातन धर्म इंटर कॉलिज से प्राप्त की। इसके बाद उरई के डीवीसी कॉलिज से बीए किया। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से राजनीति विज्ञान में एमए करने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल और पीएचडी की उपाधि अर्जित की है। वे विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक मामलों के जानकार और एक स्वतंत्र अध्येता हैं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के वित्तीय समर्थन से वर्ष 2001 में अरब-इजराइल संघर्ष पर शोधकार्य पूरा करने के लिए इजराइल की यात्रा की थी। वर्ष 2002-03 में इजराइल सरकार स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत वे हिंदू विश्वविद्यालय, जेरुसलम, इजराइल में विजिटिंग शोधार्थी के रूप में भी शोधरत रह चुके है। इजराइल के सामरिक चिंतनकुंड वेसा सेंटर द्वारा उनके कई शोधपत्र व आलेख प्रकाशित किए गए हैं।

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