हर-हर
गंगे
डॉ. अनु मेहता
जीवनदायिनी
मोक्षप्रदायिनी , पतित पावन रसधार है
गंगा।
जनकल्याणी
आनंददायिनी, कष्ट निवारणी अवतार है गंगा।
पापनाशिनी
भवतारिणी , हर शरणागत का उद्धार है गंगा।
सुख-समृद्धि-
स्नेह-सुधा की संजीवनी मूर्ति साकार है गंगा।
श्रद्धा-आस्था-भक्ति
और दिव्यता की पुण्य सलिला है गंगा।
वेद
और पुराणों में बखानी,जीवन की आधारशिला है
गंगा।
कलुषहारिणी देवसरिता निर्मल- निर्विकार- निर्दोष है गंगा।
संस्कृति
की विरल विरासत, भारत माँ का जयघोष है गंगा।
डॉ.
अनु मेहता
प्रभारी
प्राचार्य
आनंद
इंस्टीट्यूट ऑफ पी.जी स्टडीज इन आर्ट्स ,
आणंद, गुजरात
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