सोमवार, 31 मार्च 2025

मार्च 2025, अंक 57

 



शब्द-सृष्टि

मार्च 2025, अंक 57


‘शब्दसृष्टि’ के पृष्ठ – प्रो. हसमुख परमार

संपादकीय – खिले पलाश को देखते हुए.... – डॉ. पूर्वा शर्मा

मुक्तक – 1. कटु सत्य 2. सच्चा साहित्य – डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ‘काव्यांश’

शब्द संज्ञान – गुरु – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

व्याकरण विमर्श – पदबंध – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र

हाइकु – प्रीति अग्रवाल

पुस्तक चर्चा – ऋषभदेव शर्मा की रचनाधर्मिता को प्रमाणित करतीं “51 कविताएँ” – डॉ. आल अहमद

कविता –1. दर्द का उजाला 2. जमाना 3. गाँव 4. इंसान और शेयर मार्केट – डॉ. नरेश सिहाग

आलेख – जयशंकर प्रसाद की रचनाओं में स्त्री – डॉ. सुपर्णा मुखर्जी

कविता – उनके समय में – विवेक मेहता

कहानी – बाबुल की देहरी – डॉ. शिप्रा मिश्रा

कविता – मैं भारत की नारी हूँ – सुरेश चौधरी

आलेख – रवीन्द्रनाथ ठाकुर और उनका ‘शांति निकेतन’ – श्रीराम पुकार शर्मा

कविता – तेरा नाम है नारी – मीनू बाला

सामयिक टिप्पणी – फेसबुकिया प्रेम की त्रासद परिणति! – डॉ. ऋषभदेव शर्मा

कविता – 1. होली (गीत) 2. होली (मनहरण घनाक्षरी) – मालिनी त्रिवेदी पाठक

निबंध – गुलमोहर के फूल – श्रीराम पुकार शर्मा

कविता – भरोसा – अनिता मंडा

पुरस्कृत प्रतिभा – विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार – राजा दुबे

कविता – जब शब्दों के अर्थ निकलते हैं – मोहिनी शर्मा

5 टिप्‍पणियां:


  1. "शब्द- सृष्टि" ब्लॉग के नवीन संस्करण के सफल प्रकाशन पर संपादक मंडल एवं सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ! यह ब्लॉग साहित्यिक अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम बनकर उभर रहा है, जहाँ शब्द अपनी अनूठी शक्ति से विचारों को जीवन देते हैं।
    आप सभी के सृजनात्मक प्रयास और समर्पण से यह मंच निरंतर साहित्यिक समृद्धि की ओर अग्रसर है। आशा है कि भविष्य में भी शब्द सृष्टि ब्लॉग अपनी रचनात्मकता और गुणवत्ता से पाठकों को प्रेरित करता रहेगा। इस उपलब्धि पर पुनः हार्दिक शुभकामनाएँ!

    सादर,
    डॉ.धर्मेन्द्रकुमार एच. राठवा

    जवाब देंहटाएं
  2. शब्दसृष्टि’ ई पत्रिका के मार्च, 2025 के 57 वां अंक गुरुदेव प्रो. हसमुख परमार एवं डॉ. पूर्वा शर्मा द्वारा अथक परिश्रम, लग्न से हमारे सम्मुख आया है। साहित्य के प्रति आपका समर्पित भाव, विचार, जीवन हमें सदैव प्रेरित करता है । सारगर्भित अंक के लिए संपादक द्व को बहुत-बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. मुकेश चौधरी शोधार्थी हिंदी

    जवाब देंहटाएं
  4. 'शब्दसृष्टि ' मतलब भाषा और साहित्य से संबंधित वैविध्यपूर्ण जानकारी और मौलिक लेखन - सृजन से संपन्न बडी ही सुंदर-आकर्षक पत्रिका।
    इसका हर अंक देखना-पढना...बड़ा ही आनंददायक और ज्ञानवर्धक।
    परामर्शक प्रो.हसमुख परमार सर और संपादक डाॅ.पूर्वा शर्मा को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ। 💐🙏Hiya

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी पत्रिका की एक और शृंखला की हार्दिक बधाई।
    पढ़ने का एक नया अनुभव मिलता है इसे पढ़कर।
    शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं

मार्च 2025, अंक 57

  शब्द-सृष्टि मार्च 202 5 , अंक 5 7 ‘शब्दसृष्टि’ के पृष्ठ – प्रो. हसमुख परमार संपादकीय – खिले पलाश को देखते हुए.... – डॉ. पूर्वा शर्मा मु...