1
दुःख,
शोक, जब जो आ पड़े
सो
धैर्यपूर्वक सब सहो ।
होगी
सफलता क्यों नहीं
कर्तव्य
पथ पर दृढ़ रहो ।।
मैथिलीशरण
गुप्त
2
आदमी
मरने
के बाद
कुछ
नहीं सोचता।
आदमी
मरने
के बाद
कुछ
नहीं बोलता।
कुछ
नहीं सोचने
और
कुछ नहीं बोलने पर
आदमी
मर
जाता है।
उदय
प्रकाश
शब्द-सृष्टि सितंबर 202 4, अंक 51 संपादकीय – डॉ. पूर्वा शर्मा भाषा शब्द संज्ञान – ‘अति आवश्यक’ तथा ‘अत्यावश्यक’ – डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र ...
अलग काल खण्डों के प्रतिनिधि कवियों के विचार व्यक्त करती रचनाएँ
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