दशानन
रश्मि रंजन
एक ऋषि विश्वश्रवा
पत्नी उनकी कैकसी
रावण को दिया जन्म
नियति का था बंधन
धुन्नी अमृत धारता
बहु-विद्याओं का ज्ञाता
दस आनन उसके
कहलाया दशानन
शिव तांडव स्तोत्र का
तंत्र ग्रंथ रचयिता
संयम अद्भुत धरे
प्रकांड विद्या का धन
शिव भक्त होकर भी
सद्गुण नहीं आया
पाया क्या शिव से कर
दस शीश समर्पण।
रश्मि रंजन
वड़ोदरा
दशानन रावण पर बहुत अच्छी कविता!
जवाब देंहटाएं