रविवार, 29 अक्तूबर 2023

कविता

 



दशानन

रश्मि रंजन

एक ऋषि विश्वश्रवा

पत्नी उनकी कैकसी

रावण को दिया जन्म

नियति का था बंधन

 

धुन्नी अमृत धारता

बहु-विद्याओं का ज्ञाता

दस आनन उसके

कहलाया दशानन

 

शिव तांडव स्तोत्र का

तंत्र ग्रंथ रचयिता

संयम अद्भुत धरे

प्रकांड विद्या का धन

 

शिव भक्त होकर भी

सद्गुण नहीं आया

पाया क्या शिव से कर

दस शीश समर्पण। 

 



रश्मि रंजन

वड़ोदरा 

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